केरल: रेस्तरां कर्मचारियों की पिटाई करने वाला आरोपी पुलिस अधिकारी निलंबित
जितेंद्र माधव
- 16 Sep 2025, 08:42 PM
- Updated: 08:42 PM
तिरुवनंतपुरम, 16 सितंबर (भाषा) केरल पुलिस ने दो साल पहले त्रिशूर में एक रेस्तरां के कर्मचारियों की पिटाई करने के आरोप में मंगलवार को एक अधिकारी को निलंबित कर दिया।
हाल में जारी कथित पिटाई के सीसीटीवी फुटेज और राज्य विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के बाद यह कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य में हिरासत में यातना के मामलों में कथित वृद्धि के संबंध में विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर सदन में चर्चा के दौरान कहा था कि अधिकारी के खिलाफ शिकायत मिलने पर उसे तुरंत त्रिशूर शहर यातायात प्रवर्तन इकाई में स्थानांतरित कर दिया गया था।
घटना के समय पीची थाना प्रभारी पीएम रथीश थे।
रेस्तरां के मालिक और ‘लैली ग्रुप’ के प्रबंध निदेशक केपी ओसेफ के अनुसार, 24 मई, 2023 को पीची थाने के अंदर उनके कर्मचारियों की कथित तौर पर पिटाई की गयी थी।
उन्होंने ही इस महीने की शुरुआत में घटना का सीसीटीवी फुटेज जारी किया था। ओसेफ के अनुसार, यह घटना पलक्कड़ के धिनीश और पट्टीकाड स्थित उनके रेस्टोरेंट के कुछ कर्मचारियों के बीच हुई बहस के बाद शुरू हुई। धिनीश ने बाद में पीची पुलिस से संपर्क किया और दावा किया कि होटल के कर्मचारियों ने उन पर हमला किया।
ओसेफ के अनुसार, यह घटना पलक्कड़ के धिनेश और पट्टीकाड स्थित उनके रेस्तरां के कुछ कर्मचारियों के बीच हुई कहासुनी के बाद शुरू हुई।
उन्होंने बताया कि बाद में धिनेश ने पीची थाने को घटना की जानकारी दी और दावा किया कि होटल के कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट की।
ओसेफ ने आरोप लगाया, “जल्द ही मेरे होटल प्रबंधक रोनी जॉनी और चालक लिबिन फिलिप को थाने बुलाया गया। वहां उपनिरीक्षक पी. एम. रथीश ने उन दोनों को पीटा। जब मेरा बेटा पॉल जोसेफ थाने पहुंचा, तो उसे हवालात में बंद कर दिया गया।”
व्यवसायी ने दावा किया कि जब वह थाने पहुंचे तो उपनिरीक्षक ने उनका व्यवसाय बंद करने की धमकी दी।
ओसेफ ने अपनी कानूनी लड़ाई के तहत पीची थाने की सीसीटीवी फुटेज मांगने के लिए सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत एक आवेदन दायर किया।
हाल ही में, त्रिशूर के कुन्नमकुलम थाने में तैनात चार पुलिसकर्मियों को 2023 में युवा कांग्रेस नेता वीएस सुजीत पर हमला करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।
यह कार्रवाई तब की गई, जब सुजीत ने दो साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद हाल ही में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत थाने के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज हासिल की।
इससे पहले, दिन के समय राज्य विधानसभा में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने सुजीत की कथित रूप से पिटाई करने वाले चार अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त करने की मांग की।
विपक्ष ने कहा कि जब तक चारों को सेवा से नहीं हटाया जाता, तब तक यूडीएफ के दो विधायक विधानसभा भवन के बाहर ‘अनिश्चितकालीन सत्याग्रह’ पर रहेंगे।
भाषा जितेंद्र