बीएमडब्ल्यू दुर्घटना: आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या और सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप
शफीक माधव
- 16 Sep 2025, 08:25 PM
- Updated: 08:25 PM
नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की मोटरसाइकिल को टक्कर मारने वाली बीएमडब्ल्यू कार चलाने के आरोप में गिरफ्तार महिला और उसका पति मोटरसाइकिल सवार घायल दंपति को दूर स्थित एक अस्पताल ले जाते समय पुलिस को सूचित करने में विफल रहे, जिसके बाद जांचकर्ताओं ने दोनों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप जोड़े हैं। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग में उप सचिव सिंह (52) की मोटरसाइकिल को रविवार दोपहर एक बीएमडब्ल्यू कार ने टक्कर मार दी थी। वह अपनी पत्नी के साथ गुरुद्वारा बंगला साहिब से घर लौट रहे थे।
इस घटना में सिंह की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस ने बताया कि घटना के दौरान कार चला रही गगनप्रीत के साथ उसके पति, दो बच्चे और एक घरेलू सहायिका भी थी। गुरुग्राम में रहने वाला यह परिवार विनिर्माण का कारोबार करता है।
मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 281 (तेज गति से गाड़ी चलाना), 125बी (दूसरों की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 105 (गैर इरादतन हत्या) और 238 (सबूतों को मिटाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस ने बताया कि उसने गैर इरादतन हत्या और सबूत मिटाने से जुड़ी धाराएं इसलिए जोड़ीं क्योंकि आरोपी और उसके पति ने सिंह और उनकी पत्नी संदीप कौर को दुघर्टनास्थल धौला कुआं से 19 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर एक अस्पताल ले जाने का फैसला किया।
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने पुलिस को सूचित करने के लिए एक भी पीसीआर कॉल नहीं की।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘आरोपियों ने खुद ही दंपति को दुर्घटनास्थल से 19 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर न्यूलाइफ अस्पताल ले जाने का फैसला किया और आस-पास बड़े अस्पताल होने के बावजूद उन्हें तुरंत वहां नहीं ले गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आरोपी दंपति ने दुर्घटना के बारे में कोई पीसीआर कॉल भी नहीं की और पुलिस को सूचित भी नहीं किया, जो मदद कर सकती थी या उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जा सकती थी। इसलिए, हमने धारा 281 और 125बी के अलावा धारा 105 और 238 भी जोड़ी हैं।’’
पुलिस को दिए अपने बयान में, संदीप कौर ने कहा कि उन्होंने आरोपी दंपति - गगनप्रीत कौर और परीक्षित - से बार-बार विनती की थी कि वे उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाएं क्योंकि सिह बेहोश थे और उन्हें तुरंत इलाज की जरूरत थी।
इस बीच, पुलिस ने कहा कि पूछताछ के दौरान, गगनप्रीत ने जांचकर्ताओं को बताया कि दुर्घटना के बाद वह घबरा गई थीं और उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि यह कैसे हुआ।
अधिकारी ने बताया कि जब गगनप्रीत से पूछा गया कि वह घायल दंपति को नजदीकी अस्पताल क्यों नहीं ले गईं, तो उन्होंने दावा किया कि वह घबरा गई थीं और न्यूलाइफ अस्पताल से परिचित थीं क्योंकि उनके बच्चों का कोविड-19 महामारी के दौरान वहां इलाज हुआ था।
हालांकि, पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह अस्पताल आरोपी दंपति के रिश्तेदारों का है।
भाषा
शफीक