सरकार ने 2025-26 के लिए 11.9 करोड़ टन रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा
रमण
- 16 Sep 2025, 07:43 PM
- Updated: 07:43 PM
नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) सरकार ने फसल वर्ष 2025-26 के लिए 11.9 करोड़ टन रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 3.47 प्रतिशत अधिक है। कृषि मंत्रालय ने यह कहा।
फसल वर्ष 2024-25 (जुलाई-जून) के लिए, सरकार ने 11.5 करोड़ टन गेहूं उत्पादन लक्ष्य रखा था। वास्तविक उत्पादन रिकॉर्ड 11.75 करोड़ टन होने का अनुमान है।
गेहूं मुख्य रबी (सर्दियों) की फसल है, जिसकी बुवाई अक्टूबर के अंत से शुरू होकर नवंबर तक चलती है। अन्य रबी फसलों में ज्वार, जौ, चना और मसूर शामिल हैं।
रबी सत्र 2025-26 के लिए कुल खाद्यान्न उत्पादन लक्ष्य 17 करोड़ 11.4 लाख टन निर्धारित किया गया है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दिवसीय राष्ट्रीय रबी सम्मेलन के अवसर पर संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि रबी सत्र के लिए बीज और उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति है।
उन्होंने कहा कि आगामी रबी सत्र में, कृषि वैज्ञानिकों की 2,000 से अधिक टीमें तीन अक्टूबर से शुरू होने वाले 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' नामक रबी अभियान के माध्यम से किसानों को समय पर जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए उनके पास जाएंगी।
मंत्रालय के अनुसार, आगामी 2025-26 रबी मौसम के लिए उत्तर प्रदेश के लिए गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 3 करोड़ 64 लाख टन रखा गया है, जबकि मध्य प्रदेश को 2.4 करोड़ टन, पंजाब को 1.8 करोड़ टन, राजस्थान को एक करोड़ 15.5 लाख टन, हरियाणा को एक करोड़ 15.5 लाख टन और बिहार को 72.5 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है।
सरकार ने रबी सत्र 2025-26 के दौरान एक करोड़ 65.7 लाख टन दलहन और एक करोड़ 50.7 लाख टन तिलहन उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
गेहूं और चावल के बारे में, मंत्री ने कहा कि देश का उत्पादन वैश्विक स्तर पर पहुंच गया है, लेकिन दलहन और तिलहन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि सरकार फसलवार समीक्षा कर रही है और रबी फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाएगी।
मंत्री ने कहा कि आगामी रबी सत्र के लिए पर्याप्त बीज उपलब्ध है। लगभग 2.29 करोड़ टन बीज की आवश्यकता के मुकाबले, लगभग 2.5 करोड़ टन बीज पहले से ही उपलब्ध है।
चौहान ने नकली कीटनाशकों, बीजों और उर्वरकों के विक्रेताओं के खिलाफ राज्य स्तर पर चल रही कार्रवाई का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित राज्यों में, सरकार संबंधित राज्यों की सहायता के लिए सभी कदम उठा रही है।
चौहान ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत आने वाले किसानों को बीमा लाभों का समय पर और पर्याप्त वितरण सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।’’
सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्री, केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी और आईसीएआर के महानिदेशक एमएल जाट भी उपस्थित थे।
भाषा राजेश राजेश