बीएमडब्ल्यू हादसा: आरोपी ने पीड़ितों को 22 किमी दूर अस्पताल ले जाने पर जोर दिया, वैन चालक का दावा
सुभाष नरेश
- 15 Sep 2025, 04:14 PM
- Updated: 04:14 PM
नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की मोटरसाइकिल को जिस दंपति की बीएमडब्ल्यू कार ने टक्कर मारी, उन्होंने कथित तौर पर इस बात पर जोर दिया था कि पीड़ितों को करीब 22 किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल ले जाया जाए।
धौला कुआं के दुर्घटना स्थल से सभी चार घायलों (कार और मोटरसाइकिल सवार) को आजादपुर स्थित अस्पताल पहुंचाने वाले वैन चालक मोहम्मद गुलफाम ने सोमवार को शोक संतप्त परिवार से मुलाकात के दौरान यह दावा किया।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग में उप सचिव एवं हरिनगर निवासी नवजोत सिंह (52) की रविवार दोपहर दिल्ली छावनी मेट्रो स्टेशन के पास रिंग रोड पर हुए एक हादसे में जान चली गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं। वे गुरुद्वारा बंगला साहिब से घर लौट रहे थे।
महिला, जो बीएमडब्ल्यू कार चला रही थी, और उसके पति भी इस हादसे में घायल हो गए। गुरुग्राम निवासी इस दंपति को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। वे चमड़े की काठी, सीट, कवर, बेल्ट और अन्य उत्पाद बनाने का व्यवसाय करते हैं।
पुलिस ने बताया कि हादसे के दौरान बीएमडब्ल्यू चला रही महिला को सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद हिरासत में ले लिया गया।
घटना के सिलसिले में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
गुलफाम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘दुर्घटना होने के तुरंत बाद कई लोग घटनास्थल का वीडियो बना रहे थे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। मैं एक माल ढुलाई वाहन चला रहा था। वहां रूका। और जब कार में सवार पुरुष और महिला ने मुझे उन्हें आजादपुर स्थित एक अस्पताल ले जाने के लिए कहा, तो मैंने घायलों को आजादपुर स्थित एक अस्पताल पहुंचाया।’’
उन्होंने बताया, ‘‘उनकी हालत गंभीर थी। मैंने एम्बुलेंस का इंतजार नहीं किया। कुछ लोगों की मदद से मैं उन सभी को आजादपुर स्थित एक अस्पताल ले गया। करीब 20 से 25 मिनट बाद डॉक्टर ने नवजोत सिंह को मृत घोषित कर दिया।’’
गुलफाम ने बताया कि सिंह की पत्नी ने अपनी चोटों के बावजूद उन्हें अपने घर का पता दिया। उन्होंने कहा, ‘‘वह भी गंभीर रूप से घायल थीं। उन्होंने मुझे पता दिया था, इसलिए मैं उनके परिवार से मिलने यहां आया। मैंने उन सभी की जान बचाने की कोशिश की, लेकिन यह नहीं हो सका।’’
पुलिस गुलफाम का बयान दर्ज करने के लिए वित्त मंत्रालय के अधिकारी के घर गई।
सिंह की पत्नी ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा, ‘‘दुर्घटना के बाद, हमें एक वैन जैसी गाड़ी में अस्पताल ले जाया गया। हम पर जिस दंपति (मोटरसाइकिल को) टक्कर मारने का आरोप है, उन्होंने वैन चालक से बार-बार जीटीबी नगर ले जाने के लिए कहा जबकि मैं निकट के अस्पताल ले जाने का अनुरोध कर रही थी।’’
रविवार को सिंह के बेटे ने बताया कि उनके माता-पिता गुरुद्वारा बंगला साहिब से लौट रहे थे और कर्नाटक भवन में खाना खाने के लिए रुके थे।
उन्होंने ‘पीटीआई वीडियो’ को बताया, ‘‘जब यह हादसा हुआ, वे धौला कुआं होते हुए हरि नगर जा रहे थे। उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाने के बजाय, दुर्घटनास्थल से लगभग 22 किलोमीटर दूर एक अस्पताल ले जाया गया। मेरी मां के सिर में चोट लगी थी, हालांकि उन्होंने हेलमेट पहना हुआ था, और उनकी जांघ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था।’’
उन्होंने अपने माता-पिता को अस्पताल में भर्ती करने में अस्पताल प्रशासन की ओर से लापरवाही बरते जाने का भी आरोप लगाया।
दिवंगत अधिकारी के बेटे ने दावा किया कि उनकी मां को गंभीर हालत के बावजूद अस्पताल की लॉबी में बैठाया गया, जबकि बीएमडब्ल्यू चालक के पति, जिन्हें मामूली चोट आई थी, को तुरंत भर्ती कर लिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘इस लापरवाही और देरी के कारण मेरे पिता की जान नहीं बच सकी और मेरी मां दर्द से कराहती रहीं।’’
बाद में परिजनों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए वेंकटेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया।
दिवंगत अधिकारी के बेटे ने कहा, ‘‘मेरी मां, जो एक शिक्षिका हैं, वह और हम भी बहुत दुखी हैं।’’
पुलिस के अनुसार, टक्कर मारने वाली कार तथा दोपहिया वाहन को भी जब्त कर लिया गया है। दुर्घटनास्थल की फोरेंसिक जांच की गई।
भाषा सुभाष