कमलनाथ ने मध्य प्रदेश सरकार पर ओबीसी समुदाय का हक छीनने का आरोप लगाया
ब्रजेन्द्र जोहेब
- 14 Sep 2025, 03:44 PM
- Updated: 03:44 PM
भोपाल, 14 सितंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर 'बड़ी रणनीति' के नाम पर 'नाटक' करने का आरोप लगाया और दावा किया कि वह इस समुदाय का हक छीनने में लगी है।
कमलनाथ ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में यह आरोप भी लगाया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार बार-बार अदालती प्रक्रिया और वकीलों की सलाह का हवाला देकर खुद को बचाने की कोशिश कर रही है।
ज्ञात हो कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है और 22 सितंबर से इसकी रोजाना सुनवाई होनी है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री यादव ने इस मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और कहा था कि राज्य में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को लेकर सभी राजनीतिक दल एकमत हैं और विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका तीनों मिलकर इसे लागू कराने के लिए संयुक्त प्रयास करेंगे।
इसके बाद यादव ने शनिवार को भी इस सिलसिले में एक बैठक की थी जबकि राज्य के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने वकीलों के साथ एक बैठक की।
कमलनाथ ने कहा, "मध्यप्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार की 'बड़ी रणनीति' के नाम पर जो नाटक चल रहा है, वह दरअसल ओबीसी समाज के हक़ मारने की साजिश से कम नहीं है।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह सवाल भी उठाया कि ओबीसी आरक्षण पर मुख्यमंत्री यादव की ओर हो बुलाई गई बैठक में मोबाइल ले जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई?
उन्होंने पूछा, "क्या यह किसी षड्यंत्र का हिस्सा था? क्या सरकार नहीं चाहती थी कि बैठक की असली तस्वीर और बातचीत की हकीकत जनता तक पहुंचे?"
उन्होंने आरोप लगाया कि पारदर्शिता से डरना ही इस सरकार की 'असली पहचान' बन चुकी है।
कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ही ओबीसी आरक्षण को 27 प्रतिशत तक बढ़ाकर ओबीसी समाज के हक़ में एक लंबी लकीर खींच दी थी।
उन्होंने कहा, "लेकिन भाजपा को यह कभी रास नहीं आया। कांग्रेस ने जब समाज के अधिकारों को मज़बूत किया, तब भाजपा ने कोर्ट-कचहरी के बहाने बार-बार अड़ंगा लगाया। सच यह है कि भाजपा कभी ओबीसी आरक्षण के पक्ष में थी ही नहीं।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सरकार बार-बार अदालत की प्रक्रिया और वकीलों की सलाह का हवाला देकर खुद को बचाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, "सवाल यह है कि अगर कांग्रेस सरकार के समय में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू हो सकता था, तो भाजपा सरकार में क्यों नहीं? आखिर किसके दबाव में भाजपा सरकार ओबीसी समाज को उनका हक़ नहीं दे रही?"
कमलनाथ ने कहा कि भाजपा सरकार ओबीसी समाज को केवल वोट बैंक मानती है और चुनाव आते ही मीठे वादे और घोषणाएं करती है लेकिन असल में जब आरक्षण लागू करने का वक्त आता है तो 'बहाने और षड्यंत्र' शुरू हो जाते हैं।
उन्होंने कहा, "ओबीसी समाज को भी अब समझना होगा कि उनका असली साथी कौन है। कांग्रेस ने हक़ दिलाया, भाजपा छीनने में लगी है।"
साल 2019 में, कमलनाथ के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में ओबीसी कोटा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का फैसला किया था लेकिन मामला अदालत में जाने के कारण यह लागू नहीं हो सका।
भाषा ब्रजेन्द्र