रीट, इनविट के रणनीतिक निवेशकों का दायरा बढ़ा, शेयर बाजारों में दो कार्यकारी निदेशक होंगे
प्रेम प्रेम रमण
- 12 Sep 2025, 10:10 PM
- Updated: 10:10 PM
(तस्वीर के साथ)
मुंबई, 12 सितंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट्स) और ढांचागत निवेश ट्रस्ट (इनविट्स) के तहत 'रणनीतिक निवेशक' की परिभाषा का विस्तार करते हुए पात्र संस्थागत खरीदारों और कुछ श्रेणियों के विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को भी शामिल कर दिया।
इस संशोधन के बाद अब पेंशन कोष, भविष्य निधि, बीमा कंपनियां और वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) जैसी बड़ी संस्थाएं भी रणनीतिक निवेशक की श्रेणी में आवेदन कर सकेंगी।
इसके साथ भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल ने बाजार को मजबूत करने के लिए शेयर बाजार जैसे बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई) में दो नए कार्यकारी निदेशकों की नियुक्ति अनिवार्य करने का भी फैसला किया।
सेबी ने रीट को इक्विटी और इनविट्स को हाइब्रिड श्रेणी में रखने का फैसला किया है, जिससे म्यूचुअल फंड और विशेषीकृत निवेश कोषों के निवेश के लिए रास्ता साफ हो जाएगा।
इसके लिए सेबी ने इन निवेश ट्रस्ट के रणनीतिक निवेशकों की परिभाषा में पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) को भी शामिल करने का फैसला किया। इससे इन निवेश माध्यमों में निवेशकों की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है।
निवेशकों के हितों को मजबूत करने के लिए सेबी ने म्यूचुअल फंड निकासी शुल्क की अधिकतम सीमा पांच प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत कर दी है।
इसके अलावा, महिला निवेशकों को जोड़ने और शीर्ष 30 शहरों से बाहर के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए म्यूचुअल फंड को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने का भी निर्णय लिया गया है। इस प्रोत्साहन को नए निवेशकों के स्तर पर अधिकतम 2,000 रुपये तक सीमित किया जाएगा।
इसके साथ सेबी ने बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई) की परिचालन निगरानी बढ़ाने के लिए दो कार्यकारी निदेशकों की नियुक्ति अनिवार्य करने का भी फैसला किया।
इनमें से एक निदेशक महत्वपूर्ण परिचालन को संभालेंगे जबकि दूसरे निदेशक के पास नियामकीय, अनुपालन, जोखिम प्रबंधन एवं निवेशक शिकायतों का जिम्मा होगा। ये निदेशक एमआईआई के निदेशक मंडल में प्रबंध निदेशक के साथ शामिल होंगे ताकि संचालन और अनुपालन के बीच बेहतर संतुलन कायम हो।
सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि एमआईआई का निवेशक आधार, कारोबार और मुनाफा लगातार बढ़ने से यह जरूरी हो गया है कि वे व्यावसायिक हितों से ऊपर सार्वजनिक हित और प्रणाली की स्थिरता को प्राथमिकता दें।
भाषा प्रेम प्रेम