जीएसटी 'धोखाधड़ी': ईडी का दावा, फर्जी आईटीसी से एमएनसी को करोड़ों रुपये का फायदा
देवेंद्र माधव
- 12 Sep 2025, 09:47 PM
- Updated: 09:47 PM
नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर करोड़ों रुपये के कथित फर्जी ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ (आईटीसी) धोखाधड़ी की प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि इन अवैध लेनदेन से ‘‘बड़ी एमएनसी’’ लाभान्वित हो रही थीं।
संघीय जांच एजेंसी के ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश) कार्यालय ने बृहस्पतिवार को इस मामले में छापेमारी की और दिल्ली, हरियाणा, तमिलनाडु और तेलंगाना के अलावा पूर्वोत्तर राज्य में लगभग 10 परिसरों को शामिल किया।
एक बयान में कहा गया है कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज करने के बाद करोड़ों रुपये के फर्जी आईटीसी धोखाधड़ी के सिलसिले में छापेमारी की गई।
आईटीसी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में एक कानूनी तंत्र है जो व्यापारिक संस्थाओं को व्यापार से संबंधित खरीद के लिए भुगतान किए गए जीएसटी पर ‘क्रेडिट’ का दावा करके अपनी कर देयता को कम करने की अनुमति देता है।
एजेंसी ने कहा कि यह मामला असम के गुवाहाटी स्थित अमित ट्रेडर्स नामक कंपनी के खिलाफ शिकायत से सामने आया है।
इसने दावा किया कि कंपनी अपने घोषित पते पर ‘‘अस्तित्वहीन’’ पाई गई।
ईडी के अनुसार, जांच में पाया गया कि फर्म ने ‘‘धोखाधड़ी से’’ खरीद दिखाई, ‘‘फर्जी’’ आईटीसी पारित किया और श्री राम एंटरप्राइजेज नामक एक अन्य कंपनी से जुड़ी हुई थी, जिसने स्वयं लगभग 700 करोड़ रुपये के फर्जी चालान पर लगभग 116 करोड़ रुपये का ‘‘फर्जी’’ आईटीसी प्राप्त किया।
ईडी ने कहा, ‘‘छापेमारी के दौरान अचल संपत्ति के दस्तावेज जब्त कर लिए गए और आपत्तिजनक रिकॉर्ड बरामद किए गए, जिससे फर्जी चालान, फर्जी ई-वे बिल और जीएसटी ढांचे के व्यवस्थित दुरुपयोग का खुलासा हुआ।’’
इसने कहा, ‘‘प्राथमिक जांच से पता चला है कि बड़ी एमएनसी को फर्जी आईटीसी दी गई है, जिसके लिए विस्तृत जांच जारी है।’’
इसने दावा किया कि छापेमारी के दौरान धोखाधड़ी सामने आई।
ईडी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में रेनबो एंटरप्राइजेज और ए के एंटरप्राइजेज के मालिकों ने बिना किसी वास्तविक आपूर्ति या माल की आवाजाही के दो करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने की बात ‘‘स्वीकार’’ की है।
एक अन्य संस्था, टैनोर इंजीनियरिंग, को ‘‘धोखाधड़ी’’ से चार करोड़ रुपये का फर्जी आईटीसी प्राप्त करते हुए पाया गया।
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