अगस्ता वेस्टलैंड: जेम्स ने अदालत से कहा, जमानत बांड स्वेच्छा से जमा नहीं किया
पारुल माधव
- 12 Sep 2025, 09:10 PM
- Updated: 09:10 PM
नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल जेम्स ने दिल्ली की एक अदालत को शुक्रवार को बताया कि उसने स्वेच्छा से जमानत बांड नहीं भरा, क्योंकि उसके पास भारत में रहने के लिए कोई वैध दस्तावेज नहीं है।
विशेष न्यायाधीश संजय जिंदल ने उच्चतम न्यायालय की ओर से जेम्स को 18 फरवरी को जमानत दिए जाने के आलोक में उससे इस संबंध में पूछा था।
अदालत ने कहा, ''आरोपी ने कहा है कि वह स्वेच्छा से बांड नहीं भर रहा है, क्योंकि उसके पास रिहाई के बाद भारत में रहने के लिए कोई वैध दस्तावेज नहीं है। आरोपी ने बताया है कि वह जेल से रिहाई के बाद भारत में रहने के लिए दस्तावेजों की व्यवस्था करने की प्रक्रिया में है।''
उसने कहा कि जेम्स ने बताया है कि पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए उसका आवेदन अभी भी प्रक्रियाधीन है और वह अधिकारियों से नियमित ताजा जानकारी मांग रहा है।
अदालत ने कहा कि जेम्स ने एक अन्य आवेदन दायर कर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अभियोजक से अनुरोध किया है कि ''तिहाड़ जेल से निकलकर कानूनी रूप से दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति देने के लिए उसे दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं।''
उसने कहा, ''हालांकि, आरोपी की ओर से दायर आवेदन गूढ़ है और इसमें विशिष्ट तथ्यों का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन अनुरोध की प्रकृति पर विचार करते हुए, सीबीआई की ओर से यह दलील दी गई है कि आरोपी द्वारा उठाया गया मुद्दा (केंद्रीय) गृह मंत्रालय से संबंधित है और यह अभियोजन/सीबीआई से संबंधित नहीं है।''
इसके बाद अदालत ने जेम्स की इस दलील को ध्यान में रखते हुए याचिका का निपटारा कर दिया कि ''उचित प्राधिकारियों के साथ मिलकर कानून के अनुसार इस संबंध में उचित कदम उठाए जाएंगे।''
सात अगस्त को अदालत ने मामले में रिहाई के अनुरोध वाली जेम्स की याचिका खारिज कर दी थी। याचिका में जेम्स ने दलील दी थी कि उसने कथित अपराधों के लिए अधिकतम सात साल की सजा काट ली है।
अदालत ने कहा था कि आरोपी ने कथित अपराधों के लिए सजा अभी तक पूरी नहीं की है, क्योंकि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-467 (मूल्यवान प्रतिभूति या वसीयत आदि की जालसाजी) के तहत उम्रकैद की अधिकतम सजा देने का प्रावधान है।
जेम्स को दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और बाद में सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
फरवरी में सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई मामले में जेम्स को जमानत दे दी थी। दो हफ्ते बाद, दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईडी मामले में उसकी जमानत अर्जी स्वीकार कर ली थी।
हालांकि, तिहाड़ जेल में कैद जेम्स ने जमानत बांड नहीं भरा है और अपने पासपोर्ट के नवीनीकरण का इंतजार कर रहा है।
सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में दावा किया है कि वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की आपूर्ति के लिए आठ फरवरी 2010 को हुए 55.62 करोड़ यूरो मूल्य के सौदे में भ्रष्टाचार के कारण सरकारी खजाने को 39.82 करोड़ यूरो (लगभग 2,666 करोड़ रुपये) का अनुमानित नुकसान हुआ।
जून 2016 में जेम्स के खिलाफ दायर ईडी के आरोपपत्र में आरोप लगाया गया है कि उसे (जेम्स को) अगस्ता वेस्टलैंड से तीन करोड़ यूरो (लगभग 225 करोड़ रुपये) हासिल हुए थे।
भाषा पारुल