उच्च न्यायालय का अरुणाचल कार्यकर्ता को विदेश जाने से रोकने संबंधी याचिका पर सुनवाई से इनकार
नेत्रपाल नरेश
- 12 Sep 2025, 07:17 PM
- Updated: 07:17 PM
नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश की पर्यावरण कार्यकर्ता भानु तातक की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया गया था कि उन्हें शिक्षा के उद्देश्य से विदेश जाने से रोक दिया गया।
दिल्ली हवाई अड्डे पर सात सितंबर को आव्रजन अधिकारियों द्वारा आयरलैंड जाने से रोके जाने के बाद तातक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
सरकारी वकील द्वारा अरुणाचल प्रदेश में उनके खिलाफ कई आपराधिक मामलों का उल्लेख किए जाने के बाद न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने तातक को राहत देने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि तातक को अरुणाचल प्रदेश पुलिस द्वारा जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) के आधार पर रोका गया।
आव्रजन ब्यूरो के अलावा विदेश और गृह मंत्रालय का प्रतिनिधित्व कर रहे स्थायी अधिवक्ता आशीष दीक्षित ने कहा कि यह याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष विचारणीय नहीं है।
न्यायाधीश ने कहा कि अदालत के पास इस मामले पर विचार करने के लिए क्षेत्राधिकार नहीं है और उन्होंने तातक को राहत के लिए उपयुक्त उच्च न्यायालय में जाने का निर्देश दिया।
तातक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि आव्रजन विभाग द्वारा लगाया गया प्रतिबंध संविधान के तहत प्रदत्त उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और उन पर की गई कार्रवाई ‘‘मनमानी तथा अनुचित’’ है।
तीस वर्षीय तातक को डबलिन सिटी यूनिवर्सिटी में तीन महीने के पाठ्यक्रम के लिए आयरलैंड जाना था।
तातक की याचिका में दावा किया गया कि वैध निमंत्रण पत्र और यात्रा दस्तावेज होने के बावजूद उन्हें यात्रा करने से रोक दिया गया तथा अरुणाचल प्रदेश में जांच अधिकारियों से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद न तो उन्हें और न ही उनके परिवार के सदस्यों को एलओसी की प्रति प्रदान की गई।
पुलिस के अनुसार, तातक पर विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काने में उनकी कथित भूमिका से जुड़े ‘‘10 से 12 मामले’’ दर्ज हैं, जिनमें भीड़ का नेतृत्व करना और महिला प्रदर्शनकारियों को एक कैबिनेट मंत्री से मारपीट के लिए उकसाना शामिल है।
एलओसी एक कानूनी तंत्र है जिसका उपयोग भारतीय प्राधिकारियों द्वारा हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर आव्रजन जांच चौकियों को सतर्क करने के लिए किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जांच का सामना कर रहे व्यक्ति गिरफ्तारी या पूछताछ से बचने के लिए देश से बाहर न जा सकें।
‘सियांग इंडिजीनस फार्मर्स फोरम’ की कानूनी सलाहकार तातक राज्य में प्रस्तावित 11,500 मेगावाट की सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही हैं।
भाषा नेत्रपाल