आंध्र सरकार ने हिंसा प्रभावित नेपाल से 150 से अधिक तेलुगु नागरिकों की वापसी सुनिश्चित करायी
राखी माधव
- 12 Sep 2025, 04:28 PM
- Updated: 04:28 PM
अमरावती, 12 सितंबर (भाषा) नेपाल में हिंसा के कारण फंसे 150 से अधिक तेलुगु लोगों को आंध्र प्रदेश सुरक्षित वापस लाया गया। राज्य सरकार की पहल पर यह वापसी संभव हुई, जिसके लिए कई लोगों ने राज्य सरकार का आभार जताया। सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पत्रकारों के साथ साझा किए गए वीडियो क्लिप में नेपाल से लौटे कई यात्रियों ने अपने अनुभव साझा किए। पोखरा में ठहरे यात्रियों ने दावा किया कि उनका होटल कथित रूप से आग के हवाले कर दिया गया था।
एक यात्री के. मुरली ने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘हमारा पोखरा वाला होटल जला दिया गया था लेकिन आंध्र प्रदेश के अधिकारियों ने हमें सुरक्षित बाहर निकाला और वापस घर पहुंचाया।’’
एक अन्य यात्री पी. श्रीनिवास ने बताया कि उनका समूह नेपाल में अशांति फैलने के समय पोखरा में फंसा हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश सरकार ने हमें सुरक्षित विशाखापट्टनम पहुंचाया।’’ प्रभाकर रेड्डी अपनी पत्नी और 81 अन्य लोगों के साथ अपने राज्य लौटे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने काठमांडू में लोगों को पत्थरबाजी करते और इमारतों को जलाते देखा। यह एक भयावह सपना था।’’
कई यात्री भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कर्मचारी थे, जो पूर्व निर्धारित यात्रा पर गए थे। होटल जलाए जाने के बाद उन्होंने दूसरे होटल में शरण ले रखी थी।
उन्होंने बताया, ‘‘हमें कहा गया था कि मदद पहुंचने तक वहीं रुकें।’’
तेदेपा की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 154 यात्रियों को लेकर एक विमान बृहस्पतिवार देर रात विशाखापट्टनम पहुंचा और फिर तिरुपति रवाना हुआ। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर चलाए गए बचाव अभियान का समापन हुआ।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘नेपाल में फंसे तेलुगु लोगों को इंडिगो के विशेष विमान से सुरक्षित घर वापस लाया गया है। यह लगातार दो दिनों से चल रही राहत प्रक्रिया का परिणाम है।’’
कुल 154 तेलुगु यात्रियों में से 144 काठमांडू से, 10 पोखरा से और 12 सिमिकोट से विमान के जरिए नेपालगंज पहुंचे। इसके अलावा 22 लोग सड़क मार्ग से बिहार पहुंचे। विशेष विमान ने काठमांडू से 114 यात्रियों को विशाखापट्टनम और शेष 40 को तिरुपति पहुंचाया।
इस बीच, कुर्नूल जिले के 50 यात्रियों के समूह का नेतृत्व करने वाले पी. सुब्रमण्यम ने दावा किया कि राज्य सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन विफल रही।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया, ‘‘अधिकारियों ने निकासी को लेकर कोई ठोस भरोसा नहीं दिया। यात्रियों में 50 प्रतिशत महिलाएं थीं, जिन्हें भोजन की कमी और महंगाई का सामना करना पड़ा। आसपास के इलाके हिंसा से प्रभावित थे, जिससे परेशानी बढ़ गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारियों ने हमें बताया कि सभी उड़ानें भरी हुई हैं और कई दिन इंतजार करना होगा। हमारी स्थिति की कल्पना कीजिए। शुक्र है, हमें एक सुरक्षित होटल मिल गया।’’
सुब्रमण्यम ने कहा कि हम सरकार के प्रयासों को स्वीकार करते हैं, लेकिन जवाबदेही भी जरूरी है।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी हमारी स्थिति जानते थे, फिर भी मदद नहीं पहुंची। अगर हमारे साथ कुछ हो जाता तो जिम्मेदार कौन होता?’’
नेपाल में प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले सैकड़ों प्रदर्शनकारी उनके कार्यालय में घुस गए थे और सोमवार को भ्रष्टाचार तथा सोशल मीडिया पर पाबंदी के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत पर उनके इस्तीफे की मांग की थी।
सोशल मीडिया पर लगी रोक सोमवार रात हटा ली गई थी लेकिन ओली के इस्तीफे के बाद भी हिंसा जारी रही और प्रदर्शनकारियों ने संसद, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी कार्यालयों, राजनीतिक दलों के दफ्तरों और वरिष्ठ नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया।
भाषा राखी