‘सैन्य मध्यस्थता’ के तहत राजशाही बहाल करने की ‘साजिश’: नेपाल के नागरिक समाज से जुड़े संगठन का दावा
शोभना मनीषा
- 12 Sep 2025, 11:34 AM
- Updated: 11:34 AM
काठमांडू, 12 सितंबर (भाषा) नेपाल में नागरिक समाज से जुड़े एक संगठन ने आरोप लगाया है कि देश में सैन्य मध्यस्थता के तहत राजशाही बहाल करने की साजिश रची जा रही है।
संगठन का कहना है कि यह साजिश केपी शर्मा ओली प्रशासन के पतन के बाद संक्रमणकालीन सरकार के गठन के लिए राजनीतिक बातचीत जारी रहने के बीच रची जा रही है।
विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ‘बृहत नागरिक आंदोलन’ (बीएनए) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में नेपाल सेना द्वारा मंगलवार से राष्ट्रव्यापी सुरक्षा अभियानों की कमान संभाले जाने के बाद राष्ट्रीय मामलों में उसकी बढ़ती भूमिका पर चिंता व्यक्त की।
समाचार पोर्टल ‘माई रिपब्लिका’ ने अपनी एक खबर में कहा कि संगठन का आरोप है कि ‘‘ जेन-जेड आंदोलन के शहीदों के शवों पर राजशाही को बहाल करने और धर्मनिरपेक्षता, संघवाद तथा आनुपातिक समावेशी प्रणाली को खत्म करने के लिए सैन्य मध्यस्थता के तहत एक गंभीर साजिश रची जा रही है।’’
इसमें कहा गया है कि इस तरह के प्रयास ‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’ हैं और सरकार विरोधी आंदोलन का उद्देश्य कभी भी गणतंत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता को उलटना या ‘सेना की असंवैधानिक सक्रियता’ को बढ़ाना नहीं था।
बीएनए के बयान में कहा गया, ‘‘वक्त की मांग है कि... जेन जेड आंदोलन को मिली सफलता के आगे का मार्ग राष्ट्रपति के मार्गदर्शन में तैयार किया जाए।’’
संगठन ने कहा कि कोई भी नयी नागरिक सरकार संविधान का पूरी तरह से पालन करने वाली हो, उसे भ्रष्टाचार और अव्यवस्था का विरोध करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ‘इसके भीतर प्रति-क्रांतिकारियों के लिए कोई जगह नहीं होगी।’
नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में ‘जेन ज़ेड’ के बैनर तले स्कूली छात्रों समेत हजारों युवाओं ने प्रतिबंध को तुरंत हटाने की मांग करते हुए सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ा। सोशल मीडिया पर लगा प्रतिबंध तो हटा लिया गया लेकिन ‘जेन जे़ड’ के आंदोलन के बाद हिमालयी देश में सियासी उथल-पुथल शुरु हो गई। प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद फिलहाल देश की कमान सेना के हाथों में है।
वर्ष 1997 से लेकर 2012 तक के बीच जन्में युवाओं को प्राय: ‘जेन जेड’ पीढ़ी के नाम से जाना जाता है। जेनरेशन जेड वह बच्चे हैं, जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ है। इन 15 साल के बीच जो बच्चे पैदा हुए हैं, उन्हें जेन जेड कहा जाता है। साल 2025 तक यह पीढ़ी दुनिया की करीब 30 फीसदी वर्कफोर्स बन चुकी है और अपनी अलग सोच से समाज और व्यवस्था दोनों पर असर डाल रही है।
भाषा शोभना