प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लिए 1200 करोड़ की वित्तीय मदद की घोषणा की
दीप्ति रवि कांत पवनेश नरेश
- 11 Sep 2025, 07:39 PM
- Updated: 07:39 PM
देहरादून, 11 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में अतिवृष्टि, भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया और प्रदेश के लिए 1200 करोड़ रू की वित्तीय मदद की घोषणा की।
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री ने यहां एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में उत्तराखंड में प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों तथा आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया और उत्तराखंड के लिए 1200 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की ।
इस दौरान, प्रधानमंत्री ने आपदा में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए दो .दो लाख रु तथा घायलों के लिए 50.50 हजार रु की अनुग्रह राशि की भी घोषणा की ।
मोदी ने हाल में आयी बाढ़ तथा भूस्खलन के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना के तहत व्यापक मदद की भी घोषणा की ।
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी को आज आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण इसे रद्द कर दिया गया।
बैठक में उत्तराखंड के राज्यपाल ले. जन. गुरमीत सिंह (सेवानिवृत), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे ।
प्रधानमंत्री ने पूरे क्षेत्र तथा लोगों को उससे उबरने में मदद के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाए जाने की जरूरत पर बल दिया जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकानों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत, स्कूलों को दोबारा बनाना और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के जरिए राहत देना और पशुओं के लिए मिनी किट वितरित करने जैसे उपाय शामिल हैं ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत, ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों के पुनर्निर्माण के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रस्तुत ' विशेष परियोजना' के अंतर्गत उन पात्र परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिनके मकान आपदा से क्षतिग्रस्त हो गए हैं ।
केंद्र सरकार ने पहले ही अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दलों को उत्तराखंड भेज दिया है और उनकी विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आगे की सहायता पर विचार किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रयास करेगी।
प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक आपदाओं में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि केंद्र सरकार इस कठिन समय में राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी और हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
उन्होंने हाल ही में बाढ़ और भूस्खलन सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हुए परिवारों से मुलाकात भी की। उन्होंने पीड़ित लोगों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की जिन्होंने अपने परिजनों को आपदा में खो दिया ।
प्रधानमंत्री ने आपदाओं में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए दो दो लाख रु तथा गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 50.50 हजार रु की अनुग्रह राशि की भी घोषणा की ।
प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि हाल में आई आपदाओं में अनाथ हुए बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के माध्यम से सहायता मिलेगी जिससे उनकी दीर्घकालिक देखभाल और कल्याण सुनिश्चित होगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस समय राज्यों को अग्रिम भुगतान सहित आपदा प्रबंधन अधिनियम और नियमों के अंतर्गत घोषित सहायता अंतरिम अवधि के लिए है और केंद्र सरकार राज्य के ज्ञापन और केंद्रीय टीमों की रिपोर्ट के आधार पर मूल्यांकन की आगे समीक्षा करेगी।
प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) और आपदा मित्र स्वयंसेवकों से भी मिले और राहत और बचाव कार्यों में उनके प्रयासों की सराहना की ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अमूल्य सहयोग के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारी डबल इंजन सरकार आपदा प्रभावित प्रदेशवासियों के राहत, पुनर्वास और सुरक्षित भविष्य के लिए हर स्तर पर प्रतिबद्ध है ।
उन्होंने कहा, ‘‘आपदा की इस कठिन घड़ी में दिए गए अमूल्य सहयोग के लिए समस्त प्रदेशवासियों की ओर से आदरणीय प्रधानमंत्री जी का ह्रदय से आभार’’
इससे पहले, प्रधानमंत्री शाम को देहरादून के निकट जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे जहां मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत किया ।
इस मानसून सीजन में उत्तरकाशी जिले में धराली—हर्षिल, चमोली में थराली, रुद्रप्रयाग में जखोली—बसुकेदार, बागेश्वर में कपकोट, पौड़ी में सैंजी जैसे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अतिवृष्टि, बादल फटने, बाढ़, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भारी तबाही हुई है ।
ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष एक अप्रैल से अब तक प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं में 81 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है जबकि 94 अन्य लापता हैं । इन आपदाओं में 80 लोग घायल भी हुए हैं ।
भाषा दीप्ति रवि कांत पवनेश