दोहा में हमास पर हमले से नेतन्याहू ने बंधकों की रिहाई की ‘हर उम्मीद खत्म’ की: कतर
एपी मनीषा नरेश
- 11 Sep 2025, 03:32 PM
- Updated: 03:32 PM
दोहा, 11 सितम्बर (एपी) कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा है कि इजराइल द्वारा दोहा में हमास नेताओं को निशाना बनाकर किए गए हमले से इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ग़ाज़ा में बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई की ‘‘हर उम्मीद खत्म कर दी है।’’
शेख मोहम्मद ने यह तीखा बयान संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी उपस्थिति से पूर्व दिया। यह इजराइली हमले को लेकर खाड़ी देशों, विशेष रूप से अरब देशों के भीतर गहराते असंतोष को दर्शाता है। इस हमले में कम से कम छह लोगों की मौत हुई थी।
सीएनएन को बुधवार देर रात दिए गए एक साक्षात्कार में शेख मोहम्मद ने कहा, “हमले के दिन सुबह मैं एक बंधक के परिवार से मिला था। वे लोग संघर्षविराम और मध्यस्थता पर पूरी तरह निर्भर थे। उनके पास कोई और आशा नहीं थी। लेकिन मुझे लगता है कि नेतन्याहू ने जो किया, उससे उन बंधकों की रिहाई की हर उम्मीद समाप्त हो गई है।”
कतर और मिस्र, ग़ाज़ा में संघर्ष विराम की मध्यस्थता के प्रमुख प्रयासों में शामिल रहे हैं। अमेरिका के आग्रह पर कतर ने वर्षों से दोहा में हमास के राजनीतिक नेतृत्व को आश्रय दिया है, ताकि इजराइल और हमास के बीच बातचीत की संभावनाएं बनी रहें।
नेतन्याहू की ओर से शेख मोहम्मद की टिप्पणियों पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, उन्होंने हमलों का बचाव करते हुए कहा था कि यदि कोई देश आतंकियों को आश्रय देता है, तो “या तो वह उन्हें बाहर निकाले या न्याय के कटघरे में लाए, अन्यथा हम कार्रवाई करेंगे।”
नेतन्याहू की यह टिप्पणी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रयास के एक दिन बाद आई, जिसमें उन्होंने कतर को आश्वासन दिया था कि उसकी भूमि पर इजराइली हमले दोहराए नहीं जाएंगे।
शेख मोहम्मद को बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भाग लेना है। यह कतर का कूटनीतिक जवाब है, जो इस हमले के बाद तेज़ी से सक्रिय हुआ है।
यह हमला उस समय हुआ जब ग़ाज़ा युद्ध को समाप्त करने और अभी भी हमास की गिरफ्त में मौजूद 48 बंधकों को छुड़ाने के लिए बातचीत जारी थी। माना जाता है कि इनमें से लगभग 20 बंधक जीवित हैं।
हमास ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि उसके शीर्ष नेता हमले में बच गए, हालांकि संगठन ने अभी तक कोई प्रमाण नहीं दिया है। हमले में मारे गए लोगों में खलील अल-हैय्या, जो हमास के वरिष्ठ नेता और प्रमुख वार्ताकार हैं, के बेटे, तीन अंगरक्षक और उनके कार्यालय प्रमुख शामिल हैं।
ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल की जवाबी सैन्य कार्रवाई में अब तक 64,600 से अधिक फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं। मंत्रालय यह स्पष्ट नहीं करता कि इनमें कितने नागरिक और कितने लड़ाके हैं, लेकिन उसके अनुसार मरने वालों में लगभग आधे महिलाएं और बच्चे हैं।
ग़ाज़ा युद्ध की शुरुआत अक्टूबर 2023 में हुई थी, जब हमास के नेतृत्व में आतंकियों ने दक्षिणी इजराइल पर हमला कर 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और 251 लोगों को अगवा कर लिया था।
एपी मनीषा