दिल्ली के दोहरे हत्याकांड में वांछित व्यक्ति 13 साल बाद गिरफ्तार
राखी अविनाश
- 10 Sep 2025, 08:40 PM
- Updated: 08:40 PM
नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) दिल्ली में दोहरे हत्याकांड के मामले में 13 साल से फरार एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि आरोपी ललन कुमार (33) बिहार के मधेपुरा का निवासी है और 2012 में एक ट्रक चालक और उसके सहायक की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता है।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) हेमंत तिवारी ने एक बयान में कहा, ‘‘ललन कुमार की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। उसे दिसंबर 2012 में दिल्ली की अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था।’’
उन्होंने बताया कि ललन को चार सितंबर को मधेपुरा के शंकरपुर इलाके से पकड़ लिया गया। उसे बिहार की एक स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद 'ट्रांजिट रिमांड' पर दिल्ली लाया गया।
उपायुक्त ने बताया कि 31 जुलाई, 2012 को पुल प्रह्लादपुर थाने में राम गुप्ता की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। गुप्ता ने अपने ट्रक, चालक शमीम और सहायक शे़रा के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘जांच के दौरान शमीम का शव हरियाणा के पलवल से और शे़रा का शव उत्तर प्रदेश के मथुरा से बरामद हुआ। ट्रक बाद में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मिला। घटना के तुरंत बाद आरोपी सुनील और शत्रुघ्न को गिरफ्तार किया गया था। दोनों ने बताया कि ट्रक लूटने की साजिश उन्होंने ललन कुमार के साथ मिलकर बनाई थी। चालक और सहायक ने विरोध किया तो उनकी हत्या कर दी गई।’’
हालांकि, ललन फरार हो गया और तब से अब तक गिरफ्त से बाहर था।
उपायुक्त ने कहा, ‘‘शाहीन बाग थाने की टीम लगातार ललन की तलाश में लगी रही। हमारे अधिकारियों ने आरोपी की तलाश में दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और झारखंड में 20,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की। इस दौरान 500 से ज्यादा कॉल डिटेल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया और करीब 1,000 लोगों से पूछताछ की गई।’’
उन्होंने बताया कि पुलिस टीम ने कई राज्यों में मुखबिर तंत्र विकसित किया, ललन कुमार के रिश्तेदारों और सहयोगियों पर नजर रखी और हर संभव सुराग की जांच की। उसके पैतृक स्थान मधेपुरा में लगातार निगरानी के बाद उसकी मौजूदगी का पता चला। शंकरपुर में चार सितंबर को छापेमारी कर आरोपी को दबोच लिया गया।
पूछताछ में ललन ने स्वीकार किया कि वह 2012 से पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और झारखंड में पहचान बदलकर रह रहा था।
उपायुक्त ने बताया, ‘‘ललन कुमार मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के इस्तेमाल करने से बचता था और गिरफ्तारी से बचने के लिए अक्सर अपना हुलिया बदल लेता था। अपनी जीविका चलाने के लिए वह मजदूरी करता था और लंबे समय तक अपने पैतृक गांव से दूर था।’’
भाषा राखी