गुजरात: कैग ने खनन प्रभावित क्षेत्रों के लिए केंद्रीय योजना के कार्यान्वयन में खामियां गिनाईं
यासिर नरेश मनीषा
- 10 Sep 2025, 04:38 PM
- Updated: 04:38 PM
गांधीनगर, 10 सितंबर (भाषा) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने गुजरात में खनन प्रभावित क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार की योजना के कार्यान्वयन में कई खामियों की ओर इशारा किया है।
गुजरात में जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) ट्रस्ट सहित प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) के कार्यान्वयन के निष्पादन ‘ऑडिट’ पर कैग की रिपोर्ट बुधवार को राज्य विधानसभा के तीन दिवसीय मानसून सत्र के अंतिम दिन पेश की गई।
पीएमकेकेकेवाई योजना के अंतर्गत खनन कंपनियों से एकत्रित धनराशि का उपयोग पर्यावरण, स्वास्थ्य, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और खनन प्रभावित लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए किया जाता है।
कैग ने इसमें निविदाएं आमंत्रित किए बिना एजेंसियों का चयन करने, छोटा उदयपुर जिले में 39 लाख रुपये से अधिक खर्च करने के बावजूद ‘ब्लड बैंक’ का निर्माण पूरा नहीं होने, देवभूमि द्वारका जिले के 42 स्कूलों में एक परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 63 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान किए जाने जैसी कई ‘खामियां’ पाईं।
यह भी पाया गया कि निविदाएं आमंत्रित किए बिना एजेंसियों को ‘अनुचित लाभ’ पहुंचाते हुए चयनित किया गया।
कैग ने यह भी बताया कि गुजरात जिला खनिज फाउंडेशन (जीडीएमएफ) के जो नियम राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए थे, कुछ मामलों में उन नियमों का पालन नहीं किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘डीएमएफ की कार्यकारी समिति और शासी परिषद की बैठकें जीडीएमएफ नियमों में निर्धारित नियमों के अनुसार आयोजित नहीं की गईं। डीएमएफ सूरत ने परियोजनाएं शुरू करने से पहले ग्राम सभा की मंजूरी नहीं ली और सूरत जिले के अनुसूचित जाति क्षेत्रों में परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर कोई रिपोर्ट नहीं दी, जो जीडीएमएफ नियमों के अनुसार नहीं था।’’
कैग रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के चार डीएमएफ ने निर्धारित पंजिका नहीं बनाई थी। ‘ऑडिट’ में यह भी पाया गया कि ‘जिला स्तर पर डीएमएफ के वार्षिक खातों और वार्षिक रिपोर्ट को तैयार करने तथा अंतिम रूप देने में काफ़ी देरी हुई।’ नवंबर 2024 तक कुल 32 वार्षिक खाते और 30 वार्षिक रिपोर्ट तैयार नहीं की गई थीं।
कैग ने डीएमएफ को ऐसी परियोजनाओं की पहचान करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करने की जरूरत रेखांकित की, जो खनन प्रभावित क्षेत्रों में जनता की जरूरतों को पूरा करे तथा डीएमएफ अंशदान का समय पर और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करे।
निष्पादन ‘ऑडिट’ के भाग के रूप में कैग ने भावनगर, देवभूमि द्वारका, मेहसाणा, पोरबंदर और सूरत जिलों में डीएमएफ द्वारा कार्यान्वित पांच परियोजनाओं के अभिलेखों की समीक्षा की तथा 149 पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं का निरीक्षण भी किया।
भाषा यासिर नरेश