देश के आठ बड़े शहरों में निर्मित क्षेत्र तीन दशक में दोगुना हुआः रिपोर्ट
प्रेम प्रेम अजय
- 10 Sep 2025, 03:33 PM
- Updated: 03:33 PM
नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) देश के आठ बड़े शहरों में निर्मित क्षेत्र पिछले तीन दशक में लगभग दोगुना होकर 4,308 वर्ग किलोमीटर तक पहुंच गया है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
रियल एस्टेट परामर्शदाता स्क्वायर यार्ड्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 1995 से अब तक इन आठ प्रमुख शहरों में 2,136 वर्ग किलोमीटर का नया निर्मित क्षेत्र जुड़ा है।
स्क्वायर यार्ड्स ने ‘शहरी निर्मित क्षेत्र’ को किसी शहर या बस्ती के उस हिस्से के रूप में परिभाषित किया है, जहां भवन जैसे मानव-निर्मित ढांचे फैले हुए हैं।
शहरी निर्मित क्षेत्र में किसी शहर के भीतर निर्मित आवासीय, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक भवनों के साथ सड़कें एवं अन्य मानव-निर्मित ढांचे शामिल होते हैं। यह क्षेत्र प्राकृतिक या खुली जमीन से अलग होता है।
यह रिपोर्ट अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर) और पुणे के शहरी निर्माण पर केंद्रित है।
कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं संस्थापक तनुज शोरी ने कहा, ‘‘भारत अपने इतिहास के सबसे बड़े शहरी बदलाव की तरफ बढ़ रहा है। दुनिया में शहर 80 प्रतिशत से अधिक जीडीपी का निर्माण करते हैं और भारत के लिए भी विकसित अर्थव्यवस्था बनने का रास्ता उसके शहरी केंद्रों से होकर गुजरता है।’’
शोरी ने कहा कि वर्ष 2050 तक भारत की शहरी आबादी में 33 करोड़ से अधिक की बढ़ोतरी होगी, जिनके लिए करीब 10 करोड़ नए घरों के साथ परिवहन, ढांचागत सुविधाओं और सेवाओं में भारी निवेश की जरूरत होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, बीते तीन दशक में पुणे ने सबसे तेज विस्तार दर्ज किया जहां निर्मित क्षेत्र 1995 के महज 86 वर्ग किमी से बढ़कर 2025 में 373 वर्ग किमी हो गया।
दिल्ली-एनसीआर का शहरी क्षेत्र भी इस दौरान 567 वर्ग किमी से बढ़कर 967 वर्ग किमी हो गया।
हैदराबाद में यह 95 प्रतिशत बढ़कर 267 वर्ग किमी से 519 वर्ग किमी तक पहुंच गया।
कोलकाता का क्षेत्र 328 वर्ग किमी से बढ़कर 611 वर्ग किमी, मुंबई महानगरीय क्षेत्र का 412 वर्ग किमी से बढ़कर 588 वर्ग किमी, चेन्नई का 197 वर्ग किमी से बढ़कर 467 वर्ग किमी, बेंगलुरु का 174 वर्ग किमी से बढ़कर 489 वर्ग किमी और अहमदाबाद का क्षेत्र 141 वर्ग किमी से बढ़कर 285 वर्ग किमी हो गया।
भाषा प्रेम प्रेम