ढाका विश्वविद्यालय चुनाव में इस्लामी छात्र संगठन ने बाजी मारी, बीएनपी ने ‘हेरफेर’ का आरोप लगाया
प्रीति नरेश
- 10 Sep 2025, 03:22 PM
- Updated: 03:22 PM
ढाका, 10 सितंबर (भाषा) बांग्लादेश के ढाका विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में ‘जमात-ए-इस्लामी’ संगठन की छात्र शाखा ने भारी मतों से जीत हासिल की।
वर्ष 1971 में बांग्लादेश को मिली आजादी के बाद से किसी इस्लामी छात्र समूह की यह पहली जीत है। छात्र संघ चुनाव के परिणाम बुधवार को घोषित किए गए थे।
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के छात्र मोर्चे ने परिणामों को खारिज करते हुए ‘‘नियोजित हेरफेर’’ का आरोप लगाया और चुनाव को ‘‘तमाशा’’ करार दिया।
जमात समर्थित इस्लामी छात्र शिविर (आईसीएस) ने मंगलवार को हुए चुनाव में ढाका विश्वविद्यालय केंद्रीय छात्र संघ (डीयूसीएसयू) के 12 पदों में से नौ पर जीत हासिल की।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने आईसीएस उम्मीदवार सादिक कायम को उपाध्यक्ष और एस.एम. फरहाद को महासचिव घोषित किया है। अध्यक्ष पद विश्वविद्यालय के कुलपति के लिए आरक्षित है।
पर्यवेक्षकों ने कहा कि वर्ष 1971 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी इस्लामी छात्र समूह ने बांग्लादेश में किसी विश्वविद्यालय का चुनाव जीता है।
कायम को 1,442 मत मिले जबकि जातीयताबादी छात्र दल (जेसीडी) के उम्मीदवार खान को 5,708 वोट मिले, फरहाद ने 10,794 मतों के साथ महासचिव पद पर जीत हासिल की। उन्होंने जेसीडी के तनवीर बारी को हराया, जिन्हें 5,283 वोट मिले।
बीएनपी समर्थित जेसीडी ने परिणामों को अस्वीकार कर दिया।
जेसीडी के उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार मोहम्मद अबिदुल इस्लाम ने ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मंगलवार दोपहर से ही हमें पता था कि नतीजे पहले से तय किए जा चुके हैं और इसमें गड़बड़ी की गई है। संख्याएं जैसी चाहें वैसी रख लो। हमने इस दिखावे को खारिज कर दिया है।’’
पिछले वर्ष आंदोलन का नेतृत्व कर शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को गिराने वाले और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का मार्ग प्रशस्त करने वाले छात्र संगठन ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ (एसएडी) आंतरिक मतभेदों के कारण इस बार कोई प्रभाव नहीं छोड़ सका।
एसएडी उम्मीदवार अब्दुल कौदर ने विश्वविद्यालय पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि आईसीएस ने ‘‘मतदान केंद्रों के अंदर से परिणामों में हेरफेर किया’’ जबकि जेसीडी ने ‘‘बाहर’’ से काम किया।
भाषा
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