नौ यूनियन ने रेलवे बोर्ड से सिग्नल विभाग में संविदा भर्ती को खत्म करने का आग्रह किया
संतोष सुरेश
- 08 Sep 2025, 07:59 PM
- Updated: 07:59 PM
नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) सुरक्षा एवं संरक्षा से जुड़े वर्ग के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले रेलवे के नौ यूनियन ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) से उस परिपत्र को निरस्त करने का अनुरोध किया है, जिसमें चार रेलवे जोन के सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग में पर्यवेक्षकों, फील्ड अभियंताओं और तकनीशियनों की प्रायोगिक तौर पर दो साल के लिए संविदा पर नियुक्ति करने की अनुमति दी गई है।
रेलवे बोर्ड ने छह मई को चार रेलवे जोन (पूर्वोत्तर सीमांत, पूर्वी तटीय, दक्षिण-पश्चिमी और पश्चिमी) के महाप्रबंधकों को एक परिपत्र जारी किया, जिसमें उनसे सिग्नलिंग और दूरसंचार कर्मचारियों की सहायता के लिए दो-वर्षीय पायलट परियोजना के तहत इन कर्मचारियों को अनुबंध के आधार पर नियुक्त करने के लिए कहा गया है।
बोर्ड ने अनुबंध के आधार पर नियुक्ति को उचित ठहराते हुए कहा कि रेलवे नेटवर्क के व्यापक विस्तार और आधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए इसके रखरखाव को बेहतर करना जरूरी हो गया है।
हालांकि, विभिन्न यूनियन ने इस कदम का विरोध किया है और महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रणालियों के रखरखाव में संविदा कर्मचारियों की प्रतिबद्धता और तोड़फोड़ की संभावित आशंकाओं पर संदेह व्यक्त किया है।
बोर्ड के सीईओ को संबोधित पत्र में कहा गया है, ‘‘एस एंड टी विभाग भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण सुरक्षा विभाग है, जिसमें जटिल इंटरलॉक तंत्र और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियां हैं।’’
इसमें तर्क दिया गया है कि इस विभाग में पर्यवेक्षकों/फील्ड अभियंताओं और तकनीशियनों को अनुबंध के आधार पर नियुक्त करना ट्रेन संचालन और यात्रियों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से असुरक्षित है।
पत्र में कहा गया है, ‘‘सिग्नल और दूरसंचार विभागों के जटिल और उन्नत इंटरलॉकिंग के लिए विभिन्न ‘सिग्नल और दूरसंचार प्रशिक्षण केंद्र’ (एसटीटीसी) और ‘भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग एवं दूरसंचार संस्थान’ (आईआरआईएसईटी) में एक से डेढ़ साल के उच्च और गहन प्रशिक्षण की आवश्यकता है।’’
अपने तर्क के समर्थन में उन्होंने दक्षिणी सर्कल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की एक सिफारिश का हवाला दिया, जिन्होंने 11 फरवरी, 2025 को चेन्नई रेलवे डिवीजन के कवारैपेट्टई स्टेशन पर मैसूरु-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस और एक खड़ी मालगाड़ी के बीच हुई टक्कर की जांच रिपोर्ट में इसी तरह की चिंता व्यक्त की थी।
रिपोर्ट में, सीआरएस ने कहा कि महत्वपूर्ण सुरक्षा सुविधाओं और प्रणालियों के रखरखाव और संचालन के लिए संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति और उन्हें इन क्षेत्रों में कौशल विकसित करने का अवसर प्रदान करने की प्राथमिकता के रूप में समीक्षा की जानी चाहिए और इसे अल्पावधि में न्यूनतम और दीर्घावधि में शून्य पर लाया जाना चाहिए।
विभिन्न यूनियन ने दावा किया कि बोर्ड का परिपत्र सीआरएस की सिफारिशों का उल्लंघन करता है। उनके पत्र में कहा गया है, ‘‘उपरोक्त तथ्यों के मद्देनजर, एस एंड टी विभाग के कर्मचारियों को संविदा के आधार पर नियुक्त करने का कदम सुरक्षा के साथ समझौता होगा।’’
परिपत्र को वापस लेने की मांग के साथ-साथ, विभिन्न यूनियन ने भारतीय रेलवे के सभी सुरक्षा-संबंधी विभागों में रिक्तियों को तत्काल भरने का भी आग्रह किया है।
पत्र के अनुसार, ट्रैक मेंटेनर और सिग्नल एवं दूरसंचार (एस एंड टी) विभागों में सबसे अधिक पद रिक्त हैं, जिनकी संख्या कुल पदों के सापेक्ष क्रमशः 31.2 प्रतिशत और 30.2 प्रतिशत है।
इसमें कहा गया है कि ट्रेन प्रबंधक (गार्ड) और ट्रेन कंट्रोलर विभागों में रिक्तियों की स्थिति क्रमशः कुल पद के सापेक्ष 27.3 प्रतिशत और 21.9 प्रतिशत है।
भाषा संतोष