ह्यूस्टन में जेएलएफ का भव्य आयोजन; सांस्कृतिक संवाद और साहित्यिक विविधता का उत्सव
मनीषा नरेश
- 08 Sep 2025, 05:25 PM
- Updated: 05:25 PM
(सीमा हाखू काचरु)
ह्यूस्टन, आठ सितंबर (भाषा) जयपुर साहित्य महोत्सव (जेएलएफ) ने इस सप्ताह अमेरिका में अपने जोशीले अंदाज में वापसी की और इसकी शुरुआत ह्यूस्टन से हुई। यहां तीन दिवसीय आयोजन के साथ जेएलएफ 2025 का 8वां संस्करण रविवार को संपन्न हुआ, जिसमें साहित्यिक चर्चाओं, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और संवाद की बहुरंगी झलक देखने को मिली।
पांच से सात सितंबर तक हुए इस कार्यक्रम का आयोजन एशिया सोसायटी टेक्सास, रोथको चैपल, इटरनल गांधी म्यूज़ियम ह्यूस्टन और म्यूज़ियम ऑफ फाइन आर्ट्स के सहयोग से किया गया। इस वर्ष का उत्सव ह्यूस्टन की सांस्कृतिक विविधता और गौरवशाली विरासत को समर्पित था।
ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्यदूत डी सी मंजूनाथ ने शुक्रवार को म्यूज़ियम ऑफ फाइन आर्ट्स में कार्यक्रम का उद्घाटन किया और भारत-अमेरिका के बीच सांस्कृतिक संबंधों को साहित्य के माध्यम से प्रगाढ़ बनाने की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने शनिवार को उत्सव के आठवें संस्करण के उपलक्ष्य में स्वागत रात्रिभोज का भी आयोजन किया।
प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक शेखर कपूर ने उद्घाटन सत्र में राजनीतिक विश्लेषक और स्तंभकार सुनंदा वशिष्ठ के साथ रचनात्मकता और जीवन पर संवाद किया।
कपूर ने कहा, “डर रचनात्मकता का बड़ा प्रेरक है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अनिश्चितता को नहीं समझ सकता। एक निर्देशक के रूप में मेरा मुख्य कार्य है अपने सेट पर प्रेम का वातावरण बनाना।”
छह सितंबर को उन्होंने 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मानवता' विषय पर एक परिचर्चा में भाग लिया, जिसमें मार्टिन पुचनर और ची रेनर बॉर्नफ्री के साथ उन्होंने ‘‘इंसान होना क्या मायने रखता है?’’ जैसे मूल प्रश्न पर विमर्श किया। यह सत्र एशिया सोसायटी टेक्सास सेंटर में हुआ।
कपूर जेएलएफ के न्यूयॉर्क संस्करण में भी भाग लेंगे जो सात से 10 सितंबर तक नियत है।
ह्यूस्टन निवासी और पुरस्कार विजेता भारतीय-अमेरिकी लेखिका चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी ने दर्शकों को “कला और लेखन के ज़रिए जादुई संसार रचने” के लिए प्रेरित किया।
दिवाकरुनी की 23 पुस्तकें 30 भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। उन्होंने रॉब फ्रैंकलिन और तय्यबा कनवाल के साथ जातीयता, शक्ति, संस्कृति और पहचान पर आधारित सत्र में भाग लिया।
रोथको चैपल में हुए संगीत और काव्य सत्रों में प्रसिद्ध गायक-संगीतकार आदित्य प्रकाश, संगीतज्ञ डॉ. रोहन कृष्णमूर्ति, कर्नाटक संगीतकार श्रुति सारथी, कवि रेयेस रामिरेज़, और विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिनमें कला और साहित्य का सुंदर संगम देखने को मिला।
समारोह में अन्य प्रमुख वक्ता जलवायु और जंगल चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. जे लेमेरी, प्रख्यात लेखक अमीश त्रिपाठी, न्यूरोलॉजिस्ट और लेखिका प्रिया आनंद, इंजीनियरिंग विद्वान गुरु माधवन और तिब्बती बौद्ध धर्म के शोधार्थी एंड्रयू क्विंटमैन शामिल थे।
समापन सत्र इटरनल गांधी म्यूज़ियम में हुआ, जिसमें लेखक और पूर्व राजनयिक अमीश त्रिपाठी ने टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजय के. रॉय के साथ संवाद किया।
रॉय ने कहा, “जेएलएफ ह्यूस्टन ने एक बार फिर सिद्ध किया कि साहित्य सीमाओं से परे होता है। ह्यूस्टन के दर्शकों की गर्मजोशी और बौद्धिक जिज्ञासा ने हर बातचीत को जीवंत कर दिया।”
टीमवर्क आर्ट्स के उपाध्यक्ष (उत्सव एवं निर्माण) सूरज धींगरा ने पीटीआई-भाषा को बताया, “ह्यूस्टन से न्यूयॉर्क, बोल्डर, सिएटल और नॉर्थ कैरोलाइना तक जेएलएफ यूएसए 2025 का उद्देश्य कहानियों की शक्ति के ज़रिए समुदायों को जोड़ना है। यह मंच दुनिया भर के लेखकों, विचारकों और श्रोताओं को संवाद, प्रेरणा और साझा अनुभवों के लिए एकत्र करता है।”
जेएलएफ यूएसए 2025 की ह्यूस्टन से शुरुआत हुई है और यह अब आगे न्यूयॉर्क में 8-10 सितंबर तक, बोल्डर में 13-14 सितंबर तक, सिएटल में 19-21 सितंबर तक और अंततः नॉर्थ कैरोलाइना में 26-28 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा।
भाषा मनीषा