असम : भूपेन हजारिका का वर्ष भर चलने वाला जन्म शताब्दी समारोह शुरू
गोला दिलीप
- 08 Sep 2025, 04:52 PM
- Updated: 04:52 PM
(तस्वीरों के साथ)
गुवाहाटी, आठ सितंबर (भाषा) असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने महान गायक भूपेन हजारिका को सोमवार को श्रद्धांजलि दी, जिसके साथ ही संगीत जगत के इस दिग्गज के वर्ष भर चलने वाले जन्म शताब्दी समारोह की शुरुआत हुई।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय के निकट डॉ. भूपेन हजारिका सम्मान तीर्थ पर पुष्पांजलि अर्पित की, जहां नवंबर 2011 में उनका अंतिम संस्कार किया गया था।
मुख्यमंत्री ने यहां कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि देने में पूरे देश का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने एक बहुत अच्छा और प्रासंगिक लेख भी लिखा है और मैं उनके प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के सभी प्रमुख अखबारों में प्रकाशित एक लेख में हजारिका की 99वीं जयंती पर सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके गीतों में हमेशा करुणा, सामाजिक न्याय, एकता और गहरी आत्मीयता की गूंज रही।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वह केवल एक गायक नहीं थे, वह लोगों की धड़कन थे। कई पीढ़ियां उनके गीत सुनते हुए बड़ी हुईं। उनके गीतों में हमेशा करुणा, सामाजिक न्याय, एकता और गहरी आत्मीयता की गूंज है।’’
शर्मा ने कहा कि असम सरकार राज्य के सभी लोगों के साथ मिलकर हजारिका की जन्म शताब्दी मना रही है और 13 सितंबर को प्रधानमंत्री एक ‘‘विशेष श्रद्धांजलि सभा’’ में भाग लेने के लिए इस राज्य में आएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और दिल्ली में भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति की स्मृति में विशेष सभाएं भी आयोजित करेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने उनके सम्मान में 100 रुपये का विशेष सिक्का जारी किया है, जिसे प्रधानमंत्री 13 सितंबर को यहां जारी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखिका अनुराधा शर्मा पुजारी ने हजारिका की जीवनी लिखी है, जिसका सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि यह देश के सभी पुस्तकालयों तक पहुँचे।’’
शर्मा ने कहा कि वह दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता की जन्म शताब्दी को इतने गरिमापूर्ण तरीके से मनाने के लिए राज्य के लोगों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आठ सितंबर 2026 को नयी दिल्ली में राज्य सरकार द्वारा आयोजित जन्म शताब्दी समारोह के समापन समारोह में शामिल होंगी।
हजारिका के इकलौते बेटे तेज हजारिका, अपनी पत्नी और बेटे के साथ शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका से यहां पहुंचे हैं।
इससे पहले, एक अन्य पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारिका सभी के लिए एक प्रेरणादायी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उनका (हजारिका) जीवन और वक्त अपने आप में एक मिसाल है। असम और भारत के प्रति उनका प्रेम सभी के लिए प्रेरणादायी है।’’
शर्मा ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘आज हम एक ऐसे महापुरुष के जीवन का जश्न मना रहे हैं, जिन्होंने अपनी भावपूर्ण धुनों के माध्यम से असम को दुनिया तक पहुंचाया और मानवता को अपना राग तथा प्रेम को अपना राष्ट्रगान बनाया। हम भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की जयंती पर उनके जीवन को याद करते हैं, जो अपने आप में काव्य था।’’
भूपेन हजारिका द्वारा स्थापित सांस्कृतिक ट्रस्ट भी सोमवार को श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित करेगा। कार्यक्रमों में संगीत कार्यक्रम और परिसर में स्थित उस्ताद को समर्पित संग्रहालय के सामने दीप प्रज्वलन शामिल हैं।
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) ने राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित किए, जिसमें छात्रों ने राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में सार्वजनिक स्थानों पर दिग्गज संगीतकार को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही उनका प्रतिष्ठित गीत 'मनुहे मनुहेर बेबे' (यदि मनुष्य मनुष्यों की परवाह नहीं करते) भी गाया।
हजारिका का जन्म आठ सितंबर 1926 को तिनसुकिया जिले के सदिया में हुआ था। उन्हें ‘सुधाकांत’ के नाम से भी जाना जाता था।
भाषा गोला