एल्गार परिषद मामला: आरोपी महेश राउत की जमानत याचिका पर उच्चतम न्यायालय में 15 सितंबर को सुनवाई
सुभाष मनीषा
- 08 Sep 2025, 04:33 PM
- Updated: 04:33 PM
नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी महेश राउत की जमानत याचिका पर 15 सितंबर को सुनवाई करने का फैसला किया।
न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ राउत की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें उन्होंने मुंबई उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बावजूद उन्हें जेल में रखे जाने को चुनौती दी है।
उच्च न्यायालय ने राउत की जमानत याचिका स्वीकार कर ली, लेकिन राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अनुरोध पर अपने आदेश पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी।
इसके बाद, शीर्ष अदालत ने मामले में उनकी रिहाई पर रोक बढ़ा दी।
सोमवार को, राउत के वकील ने कहा कि कार्यकर्ता गठिया रोग से पीड़ित हैं और उन्हें विशेष चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता है जो जेल या जे. जे. अस्पताल में उपलब्ध नहीं है, जहां उनकी जांच की गई है।
वकील ने कहा, ‘‘क्या जेल अस्पताल वस्तु स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर सकता है और हम उन्हें मेडिकल जांच के लिए ले जा सकते हैं... क्योंकि जे.जे. अस्पताल में इसकी सुविधा नहीं है।’’
पीठ ने कहा कि अगर अधिकारी हलफनामा दाखिल करना चाहते हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘अगर बीमारी इतनी गंभीर है कि लगातार इलाज की जरूरत है, तो कोई दिक्कत नहीं है। क्योंकि हम सब जानते हैं कि सरकारी डॉक्टर बहुत सावधानी बरतते हैं। लेकिन अगर गहन उपचार की जरूरत है, तो वे उसे हाथ भी नहीं लगाएंगे क्योंकि अगर कुछ हुआ तो वे जिम्मेदार ठहराये जाएंगे...।’’
वकील ने जब इस तथ्य का जिक्र किया कि राउत पहले ही लगभग सात साल हिरासत में बिता चुके हैं, तो न्यायमूर्ति सुंदरेश ने कहा, ‘‘कोई बात नहीं, हम इस पर विचार करेंगे। अगले मंगलवार के लिए इसे रखिए।’’
राउत एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी कई कार्यकर्ताओं में से एक हैं।
एल्गार परिषद का सम्मेलन दिसंबर 2017 में पुणे में आयोजित किया गया था।
जांचकर्ताओं का आरोप है कि इस कार्यक्रम में दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण एक जनवरी 2018 को कोरेगांव-भीमा में हिंसा भड़की थी।
एक अन्य आरोपी, सांस्कृतिक कार्यकर्ता सागर गोरखे उर्फ जगताप को सितंबर 2020 में कबीर कला मंच के अन्य सदस्यों के साथ कार्यक्रम में भड़काऊ नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में हैं।
पीठ द्वारा एक अन्य कार्यकर्ता ज्योति जगताप की जमानत याचिका पर भी सुनवाई किए जाने की संभावना है, जिन्हें 2020 में एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार किया गया था।
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