असम : भूपेन हजारिका का साल भर चलने वाला शताब्दी जयंती समारोह सोमवार से शुरू होगा
धीरज संतोष
- 07 Sep 2025, 07:05 PM
- Updated: 07:05 PM
गुवाहाटी, सात सितंबर (भाषा) भारत रत्न गायक भूपेन हजारिका का साल भर चलने वाला जन्म शताब्दी समारोह सोमवार को शुरू होगा, जिसमें असम सरकार और विभिन्न अन्य संगठन उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी असम की अपनी दो दिवसीय यात्रा के पहले दिन 13 सितंबर को समारोह में हिस्सा लेंगे।
हजारिका के इकलौते बेटे तेज हजारिका अपनी पत्नी और बच्चों के साथ शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका से यहां आए हैं।
बोबीता शर्मा द्वारा निर्देशित 65 मिनट लंबा वृत्तचित्र ‘भूपेन दा अनकट’ रविवार को यहां प्रदर्शित किया गया।
यह वृत्तचित्र हजारिका का उनके द्वारा बताया गया वृत्तांत है, जब वे 1999 में ‘असम चिकित्सा महाविद्याल चिकित्सक पुरा छात्र समूह’ द्वारा आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ब्रिटेन की यात्रा पर थे।
शर्मा ने कहा, ‘‘वृत्तचित्र में भूपेन दा, जैसा कि सभी उन्हें प्यार से पुकारते हैं, ने अपने बचपन के बारे में विस्तार से बताया है। भूपेन दा ने असमिया सिनेमा के अग्रणी ज्योति प्रसाद अग्रवाल जैसे सांस्कृतिक दिग्गजों के साथ उनके प्रभाव और बातचीत के बारे में भी बात की है।’’
उन्होंने न्यूयॉर्क में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की अपनी इच्छा, अपनी पत्नी प्रियंवदा पटेल से मुलाकात, उनके रिश्ते की गतिशीलता, तथा अपने जीवन दर्शन और विचारधारा के बारे में भी बात की है।
इस मौके पर उनके बेटे तेज हजारिका, भाई समर हजारिका और परिवार के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
शताब्दी समारोह का उद्घाटन सोमवार को डॉ. भूपेन हजारिका समन्वय तीर्थ पर होगा जहां नवंबर 2011 में उनका अंतिम संस्कार किया गया था।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि इस अवसर पर राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, सांस्कृतिक मामलों के मंत्री बिमल बोरा और अन्य मंत्री तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
भूपेन हज़ारिका द्वारा अपने जीवनकाल में स्थापित सांस्कृतिक न्यास भी सोमवार को पूरे दिन श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। इन कार्यक्रमों में संगीत कार्यक्रम और परिसर में स्थित महान गायक को समर्पित संग्रहालय के सामने दीप प्रज्जवलन शामिल हैं।
नगांव जिला प्रशासन ने हजारिका के पुराने घर में ‘शतवर्ष संध्या’ नामक एक संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसे हाल ही में राज्य सरकार ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के पास कुथोरी में खरीदा था।
नगांव के जिला आयुक्त देवाशीष शर्मा ने बताया कि संगीत के इस दिग्गज ने अपने कई सदाबहार असमिया गीतों की रचना इसी घर में की थी।
जिला आयुक्त ने बताया कि इस घर को जल्द ही एक सांस्कृतिक परिसर में बदल दिया जाएगा और इस महान हस्ती से जुड़ी कई चीजों को प्रदर्शित करने वाला एक संग्रहालय स्थापित किया जाएगा।
नगांव जिला प्रशासन 10 सितंबर को एक संगीत कार्यक्रम का आयोजन करेगा, जिसमें जिले के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और विद्यालयों के 15,000 छात्र नूरुल अमीन स्टेडियम में उनका सदाबहार गीत ‘मनुहे मनुहेर बेबे’ (यदि मनुष्य मनुष्य की परवाह नहीं करते) गाएंगे।
उन्होंने बताया कि ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ (आईबीआर) के अधिकारी उस दिन कार्यक्रम को रिकॉर्ड करने के लिए मौजूद रहेंगे।
‘सुधाकांत’ के नाम से लोकप्रिय हजारिका का जन्म 8 सितंबर, 1926 को तिनसुकिया जिले के सदिया में हुआ था।
भाषा धीरज