जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने इस्तीफा देने की घोषणा की
देवेंद्र नरेश
- 07 Sep 2025, 08:44 PM
- Updated: 08:44 PM
तोक्यो, सात सितंबर (एपी) जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने रविवार को पद छोड़ने की घोषणा की। उन्होंने जुलाई में हुए संसदीय चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेने के लिए उनकी पार्टी की ओर से बढ़ती मांग के मद्देनजर यह कदम उठाया है।
पिछले साल अक्टूबर में पदभार ग्रहण करने वाले इशिबा (68) ने कहा कि वह प्रधानमंत्री और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के प्रमुख पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
उन्होंने अपनी ही पार्टी के भीतर अधिकतर दक्षिणपंथी विरोधियों की मांगों की एक महीने से अधिक समय तक अनदेखी की थी।
इशिबा ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में अपने इस्तीफे की योजना की घोषणा करते हुए बताया कि वह कुछ समय से अपनी पार्टी की हाल में हुए चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेने का इरादा रखते थे, लेकिन पहले वह अमेरिका के साथ शुल्क (टैरिफ) वार्ता में प्रगति करने के लिए प्रतिबद्ध थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी सरकार के साथ कौन गंभीरता से बातचीत करता जिसके नेता ने यदि यह कहा होता कि वह पद छोड़ रहे हैं?’’
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जापानी कारों और अन्य उत्पादों पर शुल्क को पहले से लागू 25 प्रतिशत की दर से घटाकर 15 प्रतिशत करने के आदेश के साथ वह क्षण आ गया है।
इशिबा ने कहा, ‘‘अमेरिकी शुल्क वार्ता में एक मील का पत्थर हासिल करने के बाद, मैंने फैसला किया कि अब उत्तराधिकारी के लिए रास्ता बनाने का समय आ गया है।’’
इशिबा का यह कदम ऐसे समय सामने आया है, जब उनकी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) नेतृत्व चुनाव कराने को लेकर निर्णय करने वाली है। यदि इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह उनके खिलाफ एक प्रकार का अविश्वास प्रस्ताव होगा।
उन्होंने कहा कि उन्होंने इस कदम को टालने के लिए ‘‘इस्तीफा देने का दर्दनाक फैसला’’ लिया क्योंकि ‘‘इससे पार्टी के भीतर गंभीर विभाजन पैदा हो सकता था और यह मेरा कतई इरादा नहीं था।’’
इशिबा ने कहा कि वह अपने उत्तराधिकारी के लिए पार्टी नेतृत्व के मतदान की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
यदि वह प्रधानमंत्री पद पर बने रहते, तो उन्हें अपनी विभाजित पार्टी और अल्पमत सरकार को संभालने में अवश्य ही संघर्ष करना पड़ता।
उन्होंने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे, हालांकि उन्हें वेतन वृद्धि, कृषि सुधार और जापान की सुरक्षा को और मजबूत करने जैसे अधूरे कामों को छोड़ देने का अफसोस है।
जुलाई में, इशिबा के सत्तारूढ़ गठबंधन को 248 सदस्यीय उच्च सदन में संसदीय चुनाव में बहुमत हासिल नहीं हो सका, जिससे उनकी सरकार की स्थिरता और अधिक कमजोर हो गई।
उन्होंने शनिवार को कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी और अपने मार्गदर्शक माने जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा से मुलाकात के बाद यह फैसला लिया। सुगा ने सोमवार को होने वाले मतदान से पहले इशिबा को इस्तीफे की सलाह दी थी।
इससे पहले इशिबा ने पद पर बने रहने पर जोर दिया था और कहा था कि जापान जब अमेरिका के शुल्क और अर्थव्यवस्था पर उसके असर, बढ़ती कीमतों, चावल नीति में सुधार और क्षेत्र में बढ़ते तनाव जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है, ऐसे समय में राजनीतिक परिवर्तन से बचना जरूरी है।
चुनाव में हार के बाद नेतृत्व परिवर्तन या इशिबा के इस्तीफे की मांगें जोर पकड़ने लगी थीं।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नोरिहिसा तमुरा ने रविवार को ‘एनएचके’ पर टॉक शो में कहा कि पार्टी में विभाजन को रोकने और आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इशिबा सोमवार के मतदान से पहले विवाद को सुलझा लें। उन्होंने इशिबा से इस्तीफा देने का आग्रह किया ।
इशिबा के पार्टी नेता पद से हटने के बाद, एलडीपी द्वारा पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तिथि निर्धारित किये जाने की उम्मीद है, जो संभवतः अक्टूबर की शुरुआत में आयोजित किया जायेगा।
हालांकि, विपक्षी दल इतने बिखरे हुए हैं कि वे सरकार को गिराने के लिए एक बड़ा गठबंधन नहीं बना सकते।
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