केरल: पीची थाने की सीसीटीवी फुटेज से हिरासत में यातना की नई घटना का खुलासा
जितेंद्र प्रशांत
- 07 Sep 2025, 01:23 PM
- Updated: 01:23 PM
त्रिशूर, सात सितंबर (भाषा) केरल के त्रिशूर जिले स्थित पीची थाने में मई 2023 में एक अधिकारी द्वारा रेस्तरां कर्मचारी को बुरी तरह से पीटने की सीसीटीवी फुटेज रविवार को सामने आयी।
इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस हिरासत में यातना दिये जाने के एक नये मामला का खुलासा हुआ।
यह फुटेज त्रिशूर के व्यवसायी और ‘लैली ग्रुप’ के प्रबंध निदेशक के.पी. ओसेफ ने जारी किया।
ओसेफ के कर्मचारियों को 24 मई, 2023 को पीची थाने के अंदर कथित तौर पर पीटा गया था।
ओसेफ के अनुसार, यह घटना पलक्कड़ के धिनेश और पट्टीकाड स्थित उनके रेस्तरां के कुछ कर्मचारियों के बीच हुई कहासुनी के बाद शुरू हुई।
उन्होंने बताया कि बाद में धिनेश ने पीची थाने को घटना की जानकारी दी और दावा किया कि होटल के कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट की।
ओसेफ ने रविवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, “जल्द ही मेरे होटल प्रबंधक रोनी जॉनी और चालक लिबिन फिलिप को थाने बुलाया गया। वहां उपनिरीक्षक पी. एम. रथीश ने उन दोनों को पीटा। जब मेरा बेटा पॉल जोसेफ थाने पहुंचा, तो उसे हवालात में बंद कर दिया गया।”
व्यवसायी ने दावा किया कि जब वह थाने पहुंचे तो उपनिरीक्षक ने उनका व्यवसाय बंद करने की धमकी दी।
उन्होंने आरोप लगाया, “चूंकि धिनेश का बेटा भी रेस्तरां में मौजूद था इसलिए पुलिस अधिकारी ने हत्या के प्रयास और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत मामला दर्ज करने की भी धमकी दी। सिविल पुलिस अधिकारी महेश और उपनिरीक्षक जयेश भी हिरासत में यातना के इस मामले से जुड़े थे।”
ओसेफ ने बताया कि रथीश ने धिनेश के साथ समझौते पर जोर दिया। उन्होंने बताया, “जब मैं धिनेश से मिला तो उसने पांच लाख रुपये मांगे। मैं धिनेश के साथ उसकी कार में घर गया और उसे पैसे दिए। धिनेश ने उससे कहा कि तीन लाख रुपये पुलिस अधिकारियों को देने हैं जबकि दो लाख रुपये वह अपने पास रखेगा।”
बाद में, धिनेश ने थाने लौटकर अपनी शिकायत वापस ले ली।
ओसेफ ने कहा, “अगले दिन हमने ओल्लूर के सहायक पुलिस आयुक्त से संपर्क किया, जिन्होंने हमें त्रिशूर शहर के पुलिस आयुक्त अंकित अशोकन के पास भेजा। अशोकन ने मेरी लिखित शिकायत स्वीकार कर ली।”
व्यापारी ने बताया कि इसके बाद धिनेश को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन जल्द ही उसे जमानत मिल गई क्योंकि पैसे बरामद नहीं हो सके। ओसेफ ने आरोप लगाया कि उनकी शिकायत के बाद भी आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ओसेफ ने अपनी कानूनी लड़ाई के तहत पीची थाने की सीसीटीवी फुटेज मांगने के लिए सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत एक आवेदन दायर किया।
उन्होंने कहा, “त्रिशूर शहर के पुलिस आयुक्त को भेजा गया मेरा आवेदन पीची थाने भेज दिया गया और ‘महिला सुरक्षा’ का हवाला देते हुए उसे खारिज कर दिया गया। एसीपी ओल्लूर को भेजी गई मेरी अपील भी ‘माओवादी कारणों’ का हवाला देते हुए खारिज कर दी गई।”
ओसेफ ने इसके बाद केरल राज्य सूचना अधिकार आयोग में अपील दायर की, जिसने कई सुनवाई के बाद पुलिस को अगस्त 2024 में सीसीटीवी फुटेज सौंपने का आदेश दिया।
ओसेफ ने बताया कि त्रिशूर रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) ने हाल ही में उनसे संपर्क किया और बताया कि अधिकारियों के खिलाफ आंतरिक जांच जारी है।
उन्होंने बताया, “डीआईजी ने मुझे बताया कि फाइल फिलहाल दक्षिण क्षेत्र के आईजी कार्यालय में है और मुझे हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया।”
व्यवसायी ने यह भी बताया कि उन्होंने केरल राज्य मानवाधिकार आयोग से भी संपर्क किया था लेकिन कई सुनवाई के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायत दर्ज कराने के बाद रथीश बार-बार उनसे शिकायत वापस लेने का दबाव बनाता रहा।
ओसेफ ने कहा, “लेकिन मैंने मना कर दिया। ऐसे पुलिस अधिकारी को सेवा में नहीं रहना चाहिए। हम चाहते हैं कि ऐसे अधिकारियों को बर्खास्त किया जाए।”
हाल ही में, त्रिशूर के कुन्नमकुलम थाने में तैनात चार पुलिसकर्मियों को 2023 में युवा कांग्रेस नेता वीएस सुजीत पर हमला करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।
यह कार्रवाई तब की गई, जब सुजीत ने दो साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद हाल ही में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत थाने के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज हासिल की।
भाषा जितेंद्र