राकांपा नेता ने आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा को निशाना बनाया : सुप्रिया सुले
धीरज नरेश
- 05 Sep 2025, 08:23 PM
- Updated: 08:23 PM
मुंबई, पांच सितंबर (भाषा)राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने प्रतिद्वंद्वी राकांपा नेता अमोल मितकारी पर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी अंजना कृष्णा को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।
सुले की यह प्रतिक्रिया राकांपा नेता द्वारा शुक्रवार को कृष्णा पर निशाना साधे जाने के बाद आई है। कृष्णा और उप मुख्यमंत्री अजित पवार के बातचीत का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद मितकारी ने अधिकारी को आड़े हाथ लिया था।
क्षेत्रीय समाचार चैनलों पर प्रसारित वीडियो क्लिप में पवार को करमाला की उपविभागीय पुलिस अधिकारी अंजना कृष्णा से एक राकांपा कार्यकर्ता के फोन पर बातचीत करते हुए दिखाया गया है। कृष्णा पहले पवार की आवाज पहचान नहीं सकीं, जिसके बाद पवार ने वीडियो कॉल कर उनसे कथित तौर पर कार्रवाई रोकने को कहा।
महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य मितकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस उपाधीक्षक के पद पर आसीन कृष्णा ने वीडियो शूट किया और अपने सहयोगियों से इसे वायरल करवाया।
उन्होंने एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘संविधान हमें बताता है कि पुरुष और महिला समान हैं। अगर महिलाएं गलत हैं तो उनका समर्थन क्यों किया जाना चाहिए? महिला अधिकारियों को भी जिम्मेदारी से बोलना चाहिए।’’
मितकारी ने कहा,‘‘अगर वह कहती हैं कि वह राज्य के उपमुख्यमंत्री को नहीं पहचानतीं, तो उनकी भर्ती प्रक्रिया की जांच होनी चाहिए। मैंने यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) को पत्र लिखकर जांच की मांग की है।’’
मितकारी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राकांपा(एसपी) सांसद सुले ने कहा कि सत्तारूढ़ सरकार द्वारा आईपीएस अधिकारी की विश्वसनीयता पर हमला करना संविधान पर गंभीर हमला है।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जब निर्वाचित पदाधिकारी निशाना बनाने की योजना बनाते हैं, तो यह कानून के शासन, अनुच्छेद 14 और 311 को कमजोर करता है। एक महिला अधिकारी को इस तरह व्यवस्थित रूप से निशाना बनाना लैंगिक समानता की संवैधानिक गारंटी का भी उल्लंघन है। हमारे संविधान में निहित ‘भारत के विचार’ को बनाए रखने के लिए कार्यपालिका के सभी सदस्यों को राजनीतिक धमकियों से बचाया जाना चाहिए।’’
सुले ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को टैग करते हुए कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सार्वजनिक पद की गरिमा और सिविल सेवाओं की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी।’’
भाषा धीरज