राकांपा (एसपी) विधायक रोहित ने आईपीएस अधिकारी को ‘धमकी’ देने पर चाचा अजित का बचाव किया
नेत्रपाल नरेश
- 05 Sep 2025, 08:12 PM
- Updated: 08:12 PM
मुंबई, पांच सितंबर (भाषा) सोशल मीडिया पर आए वीडियो में एक महिला आईपीएस अधिकारी को कथित तौर पर धमकाने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को शुक्रवार को उनके भतीजे एवं प्रतिद्वंद्वी राकांपा (एसपी) के विधायक रोहित पवार का समर्थन मिला।
राकांपा (एसपी) के महासचिव रोहित पवार ने दावा किया कि अजित पवार के गठबंधन सहयोगियों ने सोलापुर जिले में ‘मुरम’ मिट्टी (सड़क निर्माण और अन्य उद्देश्यों में उपयोग की जाने वाली) के अवैध उत्खनन पर उनके और आईपीएस अधिकारी के बीच बातचीत को जानबूझकर अलग मोड़ देने की कोशिश की है।
विपक्षी विधायक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अजित दादा (राजनीतिक हलकों में और उनके समर्थकों द्वारा उपमुख्यमंत्री को इसी नाम से पुकारा जाता है) को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उनके दोस्त किस तरह जाल बिछा रहे हैं।’’
अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा, भाजपा और शिवसेना की सहयोगी है और तीनों दल सत्तारूढ़ महायुति के घटक हैं।
राकांपा (एसपी) के विधायक ने कहा कि राज्य में कृषि ऋण माफी और बारिश से हुए नुकसान जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी है, लेकिन इन पर बात करने के बजाय, करमाला (सोलापुर ज़िला) में महिला पुलिस अधिकारी और अजित पवार के बीच हुई बातचीत पर ज़्यादा चर्चा हो रही है।
उन्होंने कहा कि उनके चाचा स्पष्टवादिता के लिए जाने जाते हैं और उनके बोलने के तरीके से उन्हें अच्छी तरह से न जानने वाले लोगों को भी लग सकता है कि वह गुस्से में हैं।
विपक्षी विधायक ने कहा, ‘‘वास्तव में, अगर अजित दादा सामान्य रूप से भी बोलते हैं, तो उनसे मिलने वाला कोई भी नया व्यक्ति उन्हें नाराज़ या परेशान महसूस कर सकता है। लेकिन अजित दादा की कार्यशैली, स्वभाव और स्पष्टवादिता पिछले 35-40 वर्षों से पूरे महाराष्ट्र में जानी जाती है।’’
पश्चिमी महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के कर्जत-जामखेड से विधायक ने कहा कि करमाला की घटना में महिला अधिकारी की भी कोई गलती नहीं है।
रोहित पवार ने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि मित्र दलों द्वारा ही अजित दादा की फोन कॉल में हुई बातचीत को जानबूझकर अलग रूप देने और उन्हें निशाना बनाने का प्रयास किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि भले ही वह विपक्ष में हैं, लेकिन उनका स्वभाव हमेशा सच को सच कहने का रहा है, और इसलिए ‘‘अजित दादा को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कैसे उनके अपने दोस्तों द्वारा जाल बिछाया जा रहा है’’।
रोहित पवार ने कहा, ‘‘हम अनावश्यक विवादों को हवा दिए बिना वास्तविक मुद्दों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करना जारी रखेंगे।’’
बृहस्पतिवार को सामने आए वायरल वीडियो में, अजित पवार को आईपीएस अधिकारी को तब फोन पर फटकार लगाते हुए सुना गया जब वह सोलापुर जिले में मुरम मिट्टी के अवैध उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई कर रही थीं।
राकांपा (एसपी) की सहयोगी शिवसेना (उबाठा) ने इस प्रकरण पर अलग रुख अपनाया है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को अजित पवार पर चोरों को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें सरकार में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
राउत ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि उपमुख्यमंत्री एक आईपीएस अधिकारी से अवैध गतिविधियों का समर्थन करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन दूसरों को कानून का पालन करने का उपदेश दे रहे हैं।
भाषा नेत्रपाल