उप्र : अखिलेश ने अभाविप पर तंज कसते हुए इसका नाम "अखिल भारतीय वीडियो और पिटाई" रखा
अरूनव जफर नरेश मनीषा पवनेश
- 05 Sep 2025, 08:05 PM
- Updated: 08:05 PM
लखनऊ, पांच सितंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) पर तंज कसा और इसे "अखिल भारतीय वीडियो और पिटाई" कहा।
अभाविप ने श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय के एक विधि पाठ्यक्रम की कथित रूप से संबद्धता न होने के विरोध में प्रदर्शन के दौरान अपने कार्यकर्ताओं की पिटाई और उनकी मांगें पूरी न होने पर राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।
इस बारे में पूछे गए एक सवाल पर यादव ने चुटकी लेते हुए कहा, "यह विरोध प्रदर्शन न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "यह (विरोध प्रदर्शन) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए, क्योंकि भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। छात्र और संगठन के लोग दुखी होंगे क्योंकि 'अखिल भारतीय वीडियो और पिटाई' जारी है। 'अखिल भारतीय वीडियो और पिटाई' उन्हें दुखी कर रही है।"
यादव ने कहा, "मैंने कहा था कि यह परिषद और वाहिनी के बीच की लड़ाई है।"
यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुए कहा, "जो कुर्सी पर बैठा है, वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सदस्य नहीं है। पता नहीं, कितने लोगों का भविष्य उस कुर्सी पर बैठने के लिए बर्बाद हो गया है। इसलिए स्वाभाविक है कि छात्र 'अखिल भारतीय वीडियो और पिटाई' देखकर दुखी हों।"
इस बीच, अभाविप के राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य अभिनव मिश्रा ने बताया, ‘‘ संगठन की प्रमुख मांगों में लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों और भाड़े के गुंडों के खिलाफ मामला दर्ज करना तथा कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करना शामिल है। पुलिस कार्रवाई का आदेश किसने दिया, यह भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए। विधि पाठ्यक्रम के अवैध संचालन की उच्च-स्तरीय जांच तथा विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित करना भी हमारी मांगों में शामिल है।’’
अभाविप ने उच्च शिक्षा परिषद के सचिव द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर विश्वविद्यालय के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की।
मिश्रा ने कहा कि लगभग छह बीघा सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण हटाने के तहसीलदार अदालत के आदेश को तुरंत लागू किया जाए और विश्वविद्यालय प्रशासन के अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने सहित 27.96 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाए।
इससे पहले छात्रों के विरोध प्रदर्शन में सपा की छात्र शाखा के शामिल होने पर अखिलेश यादव ने कहा, "हमारे छात्र संघ के पदाधिकारी संस्थानों में हो रहे भेदभाव और छात्रों के शोषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, जिससे उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है।"
उन्होंने कहा,"आज मैंने प्रतापगढ़ से फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे बच्चों को बुलाया था। जब डिग्री लेने का समय आया, तो उन्हें पता चला कि इस संस्थान को मान्यता ही नहीं है। अब सोचिए, जिन बच्चों ने तीन साल फीस देकर पढ़ाई की है, उनका भविष्य क्या होगा।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "(संस्थान के) मालिक को जेल भेज दिया गया है, लेकिन सरकार की क्या ज़िम्मेदारी है?"
यादव ने कहा,"अगर वे सरकार के नाम पर संस्थान चला रहे हैं। और, वे भाजपा के बहुत क़रीबी हैं। अगर वे दोस्त हैं। और इसके बाद, उन बच्चों का भविष्य अंधकार में है।"
हाल ही में अभाविप कार्यकर्ताओं पर "गुंडा" टिप्पणी करने वाले उत्तर प्रदेश के मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बारे में पूछे जाने पर सपा प्रमुख ने कहा, "देखिए, मैं नेताओं को जानता हूं, अगर मैं (उनके बारे में) बोलूंगा तो उन्हें फायदा होगा ('देखिए मैं नेताओं को जानता हूं हमारे बोलने का ही कीमत वसूलेंगे')।"
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के नेता ओम प्रकाश राजभर द्वारा बाराबंकी के एक विश्वविद्यालय में उनके विरोध प्रदर्शन के लिए संगठन के सदस्यों को "गुंडा" कहने पर अभाविप कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार को बलिया के रसड़ा इलाके में उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने राजभर का पुतला फूंका था और उनके खिलाफ नारे लगाए थे। अभाविप के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार से योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के मंत्री राजभर को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की।
अभाविप ने बुधवार को लखनऊ में राजभर के घर के बाहर भी ऐसा ही प्रदर्शन किया था।
भाषा
अरूनव जफर नरेश मनीषा पवनेश