हम यूक्रेन संघर्ष के शीघ्र अंत का समर्थन करते हैं: विदेश मंत्रालय
नेत्रपाल पवनेश
- 05 Sep 2025, 07:45 PM
- Updated: 07:45 PM
नयी दिल्ली, पांच सितंबर (भाषा) भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने और क्षेत्र में स्थायी शांति की वापसी का समर्थन करता है।
विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए वाशिंगटन द्वारा नए सिरे से किए जा रहे प्रयासों के बीच आई है।
मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘जहां तक यूक्रेन में संघर्ष का सवाल है, हम यूक्रेन में शांति स्थापित करने की दिशा में हाल के सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं।’’
उन्होंने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ेंगे। भारत संघर्ष के शीघ्र अंत और स्थायी शांति की स्थापना का समर्थन करता है।’’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को अपने यूक्रेनी समकक्ष आंद्रेई सिबिहा के साथ यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की।
जयशंकर के साथ फोन पर बातचीत के बाद सिबिहा ने कहा कि उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष को ‘‘वर्तमान युद्ध की स्थिति और यूक्रेन की ओर से न्यायोचित शांति प्राप्त किए जाने के प्रयासों’’ के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘हम शत्रुता की पूर्ण समाप्ति और व्यापक अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों के समर्थन में भारत की बुलंद आवाज और सक्रिय भूमिका पर भरोसा करते हैं।’’
यूक्रेनी विदेश मंत्री ने कहा कि वह और जयशंकर इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान मुलाकात करने पर सहमत हुए हैं।
जयशंकर-सिबिहा वार्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात किए जाने के तीन दिन बाद हुई।
बैठक में मोदी ने पुतिन को बताया कि भारत यूक्रेन में शांति स्थापित करने की दिशा में हाल ही में किए गए सभी प्रयासों का स्वागत करता है और यह मानवता का आह्वान है कि यथाशीघ्र शत्रुता को समाप्त करने का रास्ता खोजा जाए।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति के साथ मोदी की बैठक से दो दिन पहले शनिवार को भारत के प्रधानमंत्री से फोन पर बात की थी।
मोदी के साथ फोन पर बातचीत के बाद ज़ेलेंस्की ने कहा कि भारत आवश्यक प्रयास करने और रूस को उचित संकेत देने के लिए तैयार है।
भारत लगातार बातचीत और कूटनीति के माध्यम से रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने का आह्वान करता रहा है।
मोदी ने पिछले वर्ष जुलाई में मॉस्को की यात्रा की थी और पुतिन से कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है तथा बम और गोलियों के बीच शांति के प्रयास सफल नहीं होते।
इसके अगले महीने मोदी ने यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा किया था और ज़ेलेंस्की से कहा था कि यूक्रेन तथा रूस को युद्ध समाप्त करने के लिए समय बर्बाद किए बिना एक साथ बैठना चाहिए।
भाषा नेत्रपाल