जेएएल के लिए वेदांता ने 17,000 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई, अदाणी को पीछे छोड़ा
प्रेम प्रेम रमण
- 05 Sep 2025, 08:40 PM
- Updated: 08:40 PM
नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता ने कर्ज में फंसी जयप्रकाश एसोसिएट्स (जेएएल) के अधिग्रहण के लिए 17,000 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाकर अदाणी समूह को पीछे छोड़ दिया है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि वेदांता की बोली की राशि 17,000 करोड़ रुपये है लेकिन मौजूदा समय की कीमत और भविष्य में मिलने वाले पैसों को ध्यान में रखने पर इसका शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) 12,505 करोड़ रुपये बैठता है।
जेपी एसोसिएट्स का कारोबार रियल एस्टेट, सीमेंट, ऊर्जा, होटल और सड़क परियोजनाओं में रहा है। लेकिन भारी कर्ज के बोझ से दबने और कर्ज चुकाने में नाकाम रहने की वजह से कंपनी को दिवाला प्रक्रिया का सामना करना पड़ा।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की इलाहाबाद पीठ ने तीन जून, 2024 को जेपी एसोसिएट्स को कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में भेज दिया था।
सूत्रों ने बताया कि जेएएल के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने कंपनी की बिक्री के लिए दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत चुनौती प्रक्रिया अपनाई।
कर्जदाताओं की समिति की पांच सितंबर को हुई बैठक में चुनौती प्रक्रिया पूरी हुई। इसमें वेदांता ने दूसरे दावेदार अदाणी एंटरप्राइजेज को पीछे छोड़ते हुए बाजी मार ली।
सूत्रों ने बताया कि वेदांता ने 17,000 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई। इसके साथ बोली का शुद्ध वर्तमान मूल्य 12,505 करोड़ रुपये हो गया और अदाणी समूह पीछे रह गया।
वित्तीय ऋणदाताओं ने जेएएल पर कुल 57,185 करोड़ रुपये बकाया होने का दावा किया हुआ है। इनमें सबसे बड़ा दावा 'नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड' (एनएआरसीएल) का है, जिसने भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले ऋणदाता समूह से कंपनी के कर्ज खरीदे हैं।
इस साल अप्रैल में जेएएल के अधिग्रहण में 25 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी। हालांकि, जून में कंपनी ने कहा कि उसे दिवाला प्रक्रिया के जरिये अधिग्रहण के लिए पांच बोलियां और अग्रिम राशि मिली हैं। इन पांच दावेदारों में अदाणी एंटरप्राइजेज, डालमिया भारत सीमेंट, वेदांता समूह, जिंदल पावर और पीएनसी इन्फ्राटेक शामिल थे।
हालांकि, बोली प्रक्रिया के अंत में केवल अदाणी समूह और वेदांता की तरफ से ही ठोस बोलियां लगाई गई थीं।
जेएएल की परिसंपत्तियों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में स्थित कई बड़ी रियल एस्टेट परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें ग्रेटर नोएडा का जेपी ग्रीन्स, नोएडा स्थित जेपी ग्रीन्स विशटाउन और जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी प्रमुख हैं।
कंपनी के पोर्टफोलियो में दिल्ली-एनसीआर, मसूरी और आगरा में संचालित होने वाले पांच होटल भी हैं।
इसके अलावा जेएएल की मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में चार सीमेंट इकाइयां और कुछ पट्टे पर ली गई चूना पत्थर की खदानें भी हैं। हालांकि इसके सीमेंट संयंत्रों में फिलहाल काम बंद है।
जेएएल की अपनी अनुषंगी इकाइयों- जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड, यमुना एक्सप्रेसवे टोलिंग लिमिटेड और जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड समेत कई कंपनियों में निवेश भी हैं।
जयप्रकाश समूह की एक अन्य कंपनी जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड का दिवाला समाधान प्रक्रिया के जरिये पहले ही मुंबई की कंपनी सुरक्षा ग्रुप द्वारा अधिग्रहण किया जा चुका है।
भाषा प्रेम प्रेम