शिलानंद ने चोट और व्यक्तिगत त्रासदी के बावजूद फिर से उभरने का साहस दिखाया
नमिता आनन्द
- 05 Sep 2025, 07:21 PM
- Updated: 07:21 PM
(सौमोज्योति एस चौधरी)
राजगीर (बिहार), पांच सितंबर (भाषा) भारतीय स्ट्राइकर शिलानंद लाकड़ा ने करियर के लिए खतरा बनी चोट और अपने पिता के निधन के सदमे से उबरते हुए दो साल बाद यहां चल रहे एशिया कप में राष्ट्रीय टीम में वापसी की।
देश के हॉकी के गढ़ माने जाने वाले ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के 26 वर्षीय खिलाड़ी का मई 2022 में एफआईएच प्रो लीग से पहले ट्रेनिंग सत्र के दौरान टखना मुड़ गया था और उन्हें अपने घुटने को ठीक करने के लिए कई सर्जरी करवानी पड़ी थीं जिसके कारण उन्हें दो साल के लिए खेल से बाहर होना पड़ा।
जैसे ही शिलानंद ने रिहैबिलिटेशन शुरू किया, उनके पिता का निधन हो गया जो पेशे से राजमिस्त्री थे।
शिलानंद ने यहां चल रहे पुरुष एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट से इतर पीटीआई को बताया, ‘‘यह मेरे जीवन का ऐसा दौर रहा जिसे मैं कभी भुला नहीं सकता। मुझे एक समय एसीएल, पीसीएल और ‘मेनिस्कस’ चोटों से जूझना पड़ा। यह गंभीर चोट थी। मैंने ऑपरेशन करवाया। एक महीने बाद चलना और जॉगिंग करना शुरू कर दिया। मुझे सब कुछ बिल्कुल नए सिरे से शुरू करना पड़ा। दो साल तक मैं शिविर में रहा, लेकिन रिहैबिलिटेशन में था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मेरे मन में यह विचार कभी नहीं आया कि मैं शायद फिर कभी नहीं खेल पाऊंगा। मैं दृढ़ संकल्पित था क्योंकि मैंने कई सीनियर खिलाड़ियों को ऐसी चोटों के बाद वापसी करते देखा था। ’’
शिलानंद ने इस दौरान अपने पिता को खो दिया था, वह 2021 में अपना घर बनाते समय ऊपर से गिर गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘पापा राजमिस्त्री थे, लेकिन घर बनाते समय दुर्घटना में उनका निधन हो गया। उन्होंने हमसे कहा था कि अपना घर बनाने के बाद मैं नौकरी छोड़ दूंगा क्योंकि मेरा बेटा अब कुछ कर रहा है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह संतुष्ट थे और खुशी से अपना काम कर रहे थे। लेकिन सितंबर 2021 को अचानक सात-आठ फीट की ऊंचाई से गिर पड़े। उनके सिर, पीठ और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आईं। उनकी सर्जरी हुई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। ’’
शिलानंद ने आखिरकार राष्ट्रीय टीम में वापसी की और बृहस्पतिवार को एशिया कप के सुपर चार चरण में मलेशिया पर भारत की 4-1 की जीत में गोल करने में मदद करने के अलावा शानदार डिफ्लेक्शन से एक गोल भी किया। वह अपने खेल से संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि वह इसमें निरंतरता चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘टीम में वापसी करने के लिए आपको अथक परिश्रम की जरूरत होती है। मैं कोर ग्रुप में था लेकिन टीम में नहीं। मैं जैसा चाहता हूं, अभी वैसा नहीं खेल पा रहा हूं। मैं इससे कहीं बेहतर करना चाहता हूं। मैं टीम में इससे ज्यादा योगदान करना चाहता हूं, अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहता हूं। मैं अपने खेल में अधिक निरंतरता चाहता हूं। ’’
भाषा
नमिता आनन्द