उत्तराखंड: ‘डिजिटल अरेस्ट’ संबंधी याचिका पर रिजर्व बैंक, दूरसंचार कंपनियों को उच्च न्यायालय का नोटिस
सं दीप्ति खारी
- 04 Sep 2025, 08:50 PM
- Updated: 08:50 PM
नैनीताल, चार सितंबर (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ धोखाधड़ी से संबंधित एक याचिका पर भारतीय रिजर्व बैंक, दूरसंचार कंपनियों, केंद्रीय संचार मंत्रालय और राज्य में कार्यरत निजी बैंकों को बृहस्पतिवार को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
हरिद्वार निवासी सुरेंद्र कुमार द्वारा दायर याचिका को जनहित याचिका में परिवर्तित करते हुए, मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र तथा न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए जो मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) या निर्धारित उपाय हैं, उन्हें राज्य के प्रत्येक पुलिस थाने तक पहुंचाया जाए।
पिछली सुनवाई में अदालत ने याचिकाकर्ता से भारतीय रिजर्व बैंक और निजी बैंकों को भी पक्षकार बनाने को कहा था। अदालत ने अब इन्हें प्रतिवादी के रूप में स्वीकार करते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सुनवाई के दौरान, पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) नीलेश आनंद भरणे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (साइबर अपराध) नवनीत भुल्लर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में उपस्थित हुए।
अधिकारियों ने अदालत को बताया कि पुलिस विभाग ने साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए एसओपी पहले ही जारी कर दी है। इस पर अदालत ने निर्देश दिया कि यह एसओपी राज्य के सभी पुलिस थानों तक अनिवार्य रूप से पहुंचाई जाए और साइबर अपराध के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाया जाए, ताकि आम जनता फर्जी कॉल और मैसेज का शिकार न बने।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बताया कि एक माह पूर्व उन्हें दो अलग-अलग नंबरों से फोन कॉल आए, जिनमें कहा गया कि देहरादून के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत से उनके खिलाफ ग़ैर-जमानती वारंट जारी हुआ है और उन्हें तुरंत 30,000 रुपये जमा करने होंगे। इस धनराशि को जमा कराने के लिए कॉल करने वालों ने ‘जिला देहरादून’ नाम से पांच अलग-अलग क्यूआर कोड भी भेजे।
याचिकाकर्ता के अनुसार, इन फर्जी कॉल और क्यूआर कोड की सूचना उन्होंने हरिद्वार पुलिस को दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
‘डिजिटल अरेस्ट’ धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय ने इस मामले को जनहित याचिका के रूप में सुनने का निर्णय लिया।
भाषा सं दीप्ति