मूल्यवर्धित एल्युमीनियम उत्पादों की घरेलू मांग को बढ़ावा देने की जरूरतः निकाय
योगेश रमण प्रेम
- 04 Sep 2025, 06:36 PM
- Updated: 06:36 PM
नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) एल्युमीनियम से बने खिड़की, दरवाजे के फ्रेम जैसे ‘एक्सट्रूजन’ उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के संगठन एएलईएमएआई ने बृहस्पतिवार को सरकार से क्षेत्र की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए वस्तुओं की मांग बढ़ावा देने के कदम उठाने का आग्रह किया।
एल्युमीनियम एक्सट्रूजन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलईएमएआई) के अध्यक्ष जितेंद्र चोपड़ा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि निरंतर आयात पर निर्भर रहने से इस उद्योग की प्रतिस्पर्धी क्षमता कमजोर हो रही है।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को कड़ी व्यापार नीति और वैश्विक शुल्क की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए घरेलू बाजार में एल्युमीनियम की मांग बढ़ाना जरूरी है। साथ ही सरकार को भी इस उद्योग के लिए मददगार और रियायती कदम उठाने चाहिए।
भारत में एल्युमीनियम एक्सट्रूजन क्षेत्र की स्थापित क्षमता सालाना 30 लाख टन है, लेकिन अभी सिर्फ 12 लाख टन क्षमता का ही इस्तेमाल हो रहा है।
वहीं, इसका आयात 15 लाख टन से ज्यादा है। इसका मुख्य कारण कीमतों में फर्क, मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से जुड़ी रियायतें और कुछ उत्पादों पर शुल्क मुक्त पहुंच की सुविधा है।
एएलईएमएआई का मानना है कि जब तक घरेलू उद्योग की सुरक्षा के कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को बड़ी मुश्किलें झेलनी पड़ेंगी।
चोपड़ा ने कहा, ‘‘अमेरिकी शुल्क ने हमारे उद्योग को प्रभावित किया है लेकिन बाहरी मदद का इंतजार करने की बजाय हमें अपने घरेलू बाजार को मजबूत करना होगा।’’
चोपड़ा ने कहा, ‘‘अगर सरकार एल्युमीनियम के मूल्यवर्धित उत्पादों को एफटीए से बाहर रखे और एमएसएमई को समर्थन दे, तो भारत इस क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर सकता है। साथ ही, कच्चा माल उपलब्ध कराने के लिए नाल्को जैसी कंपनियों से उत्पादन बढ़ाना भी जरूरी है।’’
इस बीच, एएलईएमएआई ने एल्युमिनियम एक्सट्रूज़न उद्योग की संभावनाओं और चुनौतियों को रेखांकित करने के लिए 10 से 13 सितंबर तक दिल्ली के भारत मंडपम में एक प्रदर्शनी आयोजित करने का फैसला किया है।
देश की इस पहली समर्पित एल्युमिनियम एक्सट्रूजन प्रदर्शनी में 200 से अधिक प्रदर्शक और 15,000 से ज्यादा व्यावसायिक आगंतुक हिस्सा लेंगे। इस दौरान उद्योग से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर परिचर्चा सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
भाषा
योगेश रमण