दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईएफआई से एशियाई युवा खेलों के चयन मापदंड का विवरण देने को कहा
सुधीर नमिता
- 04 Sep 2025, 08:40 PM
- Updated: 08:40 PM
(अमनप्रीत सिंह)
नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई) को आगामी एशियाई युवा खेलों के लिए भारतीय टीम चुनने के लिए अपनाए गए चयन मापदंड का विवरण देते हुए तीन सप्ताह के भीतर एक हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है क्योंकि एक और खिलाड़ी ने टीम में जगह नहीं मिलने को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
युवा एशियाई खेल 22 से 31 अक्टूबर तक बहरीन के मनामा में होने हैं।
अदालत का यह आदेश शो जंपिंग एथलीट वासवी खेतान द्वारा अपने पिता वेदांत खेतान के माध्यम से दायर एक रिट याचिका पर आया है जिसमें ईएफआई द्वारा चुने गए आठ संभावित खिलाड़ियों की सूची से उन्हें बाहर किए जाने को चुनौती दी गई थी।
भारत की प्रविष्टियां भेजने की अंतिम तिथि 31 अगस्त थी और यह स्पष्ट है कि वासवी को बहरीन में प्रतिस्पर्धा करने का मौका नहीं मिलेगा जबकि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महासंघ की प्रतियोगिताओं सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से प्रतिस्पर्धा की है।
सोलह वर्षीय फतेह जहान सिंह धालीवाल ने भी अपनी मां के माध्यम से अदालत का दरवाजा खटखटाया है जिसमें चयनित खिलाड़ियों की सूची को रद्द करने और ‘एशियाई युवा खेलों के लिए राइडर्स की सूची तैयार करने के लिए आगे के निर्देश’ देने का अनुरोध किया गया है।
एक सितंबर को वासवी मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि संबंधित प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भारतीय खिलाड़ियों के नाम पहले ही अंतरराष्ट्रीय महासंघ को भेजे जा चुके हैं और यह देखते हुए कि नाम भेजने की समय सीमा समाप्त हो गई है तो ऐसे में याचिकाकर्ता के लिए अब उक्त प्रतियोगिता में भाग लेना संभव नहीं हो सकता।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा, ‘‘जैसा भी हो, ईएफआई एक हलफनामा दायर करके बहरीन में होने वाले एशियाई युवा खेलों में भाग लेने के लिए चुने गए खिलाड़ियों के चयन के लिए अपनाए गए मापदंड के बारे में बताए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हलफनामे में भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए अपनाए जाने वाले चयन मापदंड का भी खुलासा किया जाए। इसे आज से तीन सप्ताह की अवधि के भीतर दायर किया जाए। यदि कोई प्रत्युत्तर हो तो उसके बाद दो सप्ताह की अवधि के भीतर दायर किया जाए।’’
ईएफआई ने अविक भाटिया, अरुण कुमार हर्षित, जयवीर वर्मा, भुवन, कृष्णा साहिती, रणबीर सिंह ढिल्लों, जयवीर नागरा और शुभ चौधरी को इन खेलों के लिए भारतीय टीम में शामिल किया था।
बृहस्पतिवार को धालीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान पता चला कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने आयोजन समिति को आठ की जगह सिर्फ चार नाम भेजे हैं। आईओए के वकील ने हालांकि कहा कि उन्होंने वही नाम भेजे जो उन्हें ईएफआई की कार्यकारी समिति ने सौंपे थे।
अदालत ने आईओए और ईएफआई की कार्यकारी समिति दोनों से स्पष्टीकरण मांगा है और मामले की सुनवाई की अगली तारीख 18 सितंबर तय की है।
यह स्पष्ट है कि ईएफआई के भीतर चल रहे विवाद अराजकता और भ्रम पैदा कर रहे हैं। जब तक नए चुनाव नहीं कराए जाते तब तक खिलाड़ियों को नुकसान उठाना पड़ेगा और प्रभावी प्रशासन संभव नहीं होगा।
तीन एशियाई खेलों (1998, 2002, 2006) में पदक जीतने वाले और 2003 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित कर्नल राजेश पट्टू ने ईएफआई पर्यवेक्षक एसवाई कुरैशी द्वारा उच्च न्यायालय को सौंपी गई तीसरी रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए इसे ‘पक्षपाती’ बताया है।
कुरैशी ने लिखा था कि कार्यकारी समिति के सदस्यों के बीच अंतहीन कलह ईएफआई की साख को कम कर रही है और उन्होंने नए चुनाव कराने की मांग की थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नवंबर 2019 में राजस्थान घुड़सवारी संघ की एक याचिका पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी को ईएफआई के कामकाज की देखरेख का काम सौंपा था।
उच्च न्यायालय ने 29 मई 2024 को अंतरिम व्यवस्था के रूप में नवंबर 2019 में चुनी गई कार्यकारी समिति को बहाल कर दिया था।
भाषा सुधीर