हरियाणा में बारिश से दिक्कतें, पंजाब बाढ़ से प्रभावित
यासिर नरेश
- 04 Sep 2025, 04:37 PM
- Updated: 04:37 PM
चंडीगढ़, चार सितंबर (भाषा) बाढ़ प्रभावित पंजाब और पड़ोसी राज्य हरियाणा के कई हिस्सों में एक बार फिर से बारिश हुई, जिससे दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में बृहस्पतिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे की अवधि के दौरान 20.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
पंजाब में बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 37 पहुंच गई है।
पंजाब में 1988 के बाद से यह सबसे भीषण बाढ़ है, जिसके कारण 23 जिलों में 1.75 लाख हेक्टेयर भूमि पर फसलें नष्ट हो गई हैं।
पंजाब के मोहाली में 18 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, इसके बाद गुरदासपुर में 14.8 मिलीमीटर, अमृतसर में 6.4 मिलीमीटर, पटियाला में 2.3 मिलीमीटर और लुधियाना में 0.4 मिलीमीटर बारिश हुई।
हरियाणा में पिछले 24 घंटे के दौरान पंचकूला में 76 मिलीमीटर बारिश हुई, करनाल में 16.8 मिलीमीटर, हिसार में 12.6 मिलीमीटर, अंबाला में 5.3 मिलीमीटर और रोहतक में 1.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण पंजाब और हरियाणा में विभिन्न नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।
हरियाणा के यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज से सोमवार सुबह नौ बजे 3,29,313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जो इस मानसून में अब तक का सबसे अधिक पानी छोड़े जाने का रिकॉर्ड है।
बैराज से बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे 1.42 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), पंजाब पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से प्रभावित इलाकों पर राहत एवं बचाव अभियान जारी है।
पंजाब सरकार ने राज्य में बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर बुधवार को सभी स्कूलों, कॉलेज और विश्वविद्यालयों को बंद रखने की घोषणा की थी, जिसे अब सात सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है।
हरियाणा में लगातार हो रही बारिश और कई जिलों में जलभराव की स्थिति को देखते हुए बुधवार को राज्य के लोक स्वास्थ्य और अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने एक आपात बैठक बुलाई और अधिकारियों को राज्य भर में तत्काल जल निकासी और निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने बुधवार को यहां एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें सामान्य से अधिक वर्षा के कारण उत्पन्न स्थिति और राज्य में बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों का आकलन किया गया।
भाषा यासिर