राजस्थान : अतिवृष्टि से फसल खराब होने के मुद्दे पर विधानसभा में जोरदार हंगामा
सुरेश
- 04 Sep 2025, 02:53 PM
- Updated: 02:53 PM
जयपुर, चार सितंबर (भाषा) राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बारिश/अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को विधानसभा में भारी हंगामा देखने को मिला। विपक्षी कांग्रेस के विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधा और प्रभावित किसानों के लिए तत्काल मुआवजे की मांग की।
कांग्रेस विधायकों ने अत्यधिक बारिश से फसलों को हुए नुकसान का मुद्दा शून्यकाल के दौरान उठाया और राज्य सरकार पर स्थिति से निपटने में लापरवाही का आरोप लगाया।
विधायक अमित चाचाण और नरेन्द्र बुडानिया ने दावा किया कि हाल ही में हुई भारी बारिश से लाखों एकड़ कृषि भूमि प्रभावित हुई है और खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं, लेकिन सरकार कोई ठोस कार्रवाई करने में विफल रही है।
आपदा राहत मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने सदन को आश्वासन दिया कि पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि मीणा के जवाब के बावजूद सदन में हंगामा शुरू हो गया।
कांग्रेस विधायक अशोक चांदना ने विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बिना बोलना शुरू कर दिया, जिससे भाजपा और कांग्रेस विधायकों के बीच तीखी बहस हुई।
लगातार हंगामे के बीच अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा के बाहर इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। वह ट्रैक्टर चलाकर विधानसभा के दरवाजे तक पहुंचे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया।
तत्पश्चात, कांग्रेस विधायक बैनर लेकर नारे लगाते हुए विधानसभा परिसर में घुसे। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत देने में विफल रही है। कुछ विधायक बारिश से खराब फसलों के नमूने भी साथ लेकर आए।
जूली ने कहा कि राज्य भर में भारी बारिश/अतिवृष्टि से किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं। लोगों को जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। सरकार ने पीड़ितों को राहत उपलब्ध कराने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने विधानसभा के गेट पर पत्रकारों से कहा, ‘‘सरकार ने प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए कुछ नहीं किया है।’’
सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे फिर से शुरू होने के बाद विपक्ष के विधायकों ने आसन के पास आकर नारेबाजी जारी रखी। अध्यक्ष देवनानी ने सदस्यों को सदन की मर्यादा बनाए रखने और अपनी-अपनी सीट पर जाने को कहा। हालांकि विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते रहे, इस बीच सदन में अन्य विधायी कार्य जारी रहे।
भाषा पृथ्वी