एमएसपी पर कपास की खरीद सुनिश्चित करने से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा बैठक
प्रेम प्रेम अजय
- 03 Sep 2025, 03:18 PM
- Updated: 03:18 PM
नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कपास की खरीद के लिये खरीफ सत्र 2025-26 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लागू करने से जुड़ी तैयारियों का जायजा लेने के लिए बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की।
इस बैठक में सिंह ने कपास किसानों के हितों की रक्षा के लिये सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि एमएसपी दिशानिर्देशों के तहत मंडियों में आने वाली समूची कपास की खरीद बिना किसी व्यवधान के की जाएगी।
उन्होंने समय पर, पारदर्शी और किसान-केंद्रित सेवा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। खरीफ विपणन सत्र की शुरुआत एक अक्टूबर से होने वाली है।
कपड़ा मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘इस सत्र से कपास किसान 'आधार' पर आधारित पंजीकरण खुद कर सकेंगे और सात दिन की रोलिंग स्लॉट बुकिंग भी ‘कपास-किसान’ मोबाइल ऐप के जरिये की जा सकेगी।’’
मंत्रालय ने कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस के जरिये किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान होगा। पिछले साल शुरू की गई एसएमएस-आधारित भुगतान सूचना सेवा भी जारी रहेगी।
सिंह ने कहा कि ‘डिजिटल इंडिया’ दृष्टिकोण के अनुरूप एमएसपी के तहत कपास की खरीद से लेकर भंडार की बिक्री तक सभी प्रक्रियाएं अब पूरी तरह ‘चेहरा-रहित’ और ‘कागज-रहित’ हैं जिससे किसानों एवं हितधारकों का विश्वास मजबूत हुआ है।
बैठक में बताया गया कि पहली बार कपास खरीद केंद्रों की स्थापना के लिये एकसमान मानक तय किए गए हैं, जिनमें कपास उत्पादन क्षेत्र, सक्रिय कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के परिसर और कम से कम एक प्रसंस्करण कारखाने की उपलब्धता जैसे पहलू शामिल होंगे।
मंत्रालय ने कहा कि प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में रिकॉर्ड 550 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं।
एमएसपी पर कपास की खरीद एक अक्टूबर से उत्तरी राज्यों में, 15 अक्टूबर से मध्य भारत में और 21 अक्टूबर से दक्षिणी राज्यों में शुरू होगी।
जमीनी स्तर पर सहायता बढ़ाने के लिए हरेक एपीएमसी मंडी में स्थानीय निगरानी समितियां गठित की जाएंगी ताकि त्वरित शिकायत निवारण हो सके। इसके साथ ही राज्य-स्तरीय हेल्पलाइन और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) की केंद्रीय हेल्पलाइन पूरे खरीद सत्र में सक्रिय रहेंगी।
मंत्रालय ने कहा कि पर्याप्त जनशक्ति, लॉजिस्टिक समर्थन और ढांचागत व्यवस्था कपास विपणन सत्र शुरू होने से पहले ही उपलब्ध करा दी जाएगी।
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