मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में बारिश की स्थिति की समीक्षा की
सुरभि मनीषा
- 03 Sep 2025, 01:56 PM
- Updated: 01:56 PM
(फोटो के साथ)
श्रीनगर, तीन सितंबर (भाषा) जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश में लगातार बारिश से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। लगातार बारिश के कारण जम्मू कश्मीर में नदियां और अन्य जलस्त्रोत उफान पर हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में और बारिश होने का अनुमान जताया है, जिसके मद्देनजर अधिकारियों ने समूची घाटी में स्कूलों और कॉलेजों को आज के लिए बंद करने की भी घोषणा की है।
उन्होंने कहा, ‘‘खराब मौसम को देखते हुए एहतियात के तौर पर आज यानी बुधवार को कश्मीर संभाग के स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे।’’
मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि मुख्यमंत्री ने आज सुबह स्थिति का आकलन करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।
अब्दुल्ला ने प्रशासन को जमीनी कार्रवाई तेज करने, जलजमाव वाले इलाकों से लोगों को निकालने, जरूरी सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, संवेदनशील इलाकों से समय पर लोगों की निकासी और तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘‘माननीय मंत्री जावेद राणा और सतीश शर्मा ने जम्मू की स्थिति की जानकारी दी, जबकि माननीय मंत्री सकीना इटू और मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर सोगामी ने कश्मीर की स्थिति पर ताजा जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने लोगों से सलाह का पालन करने, संवेदनशील जगहों पर जाने से बचने तथा सुरक्षित रहने की अपील की।’’
अधिकारियों ने बताया कि झेलम नदी और उसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही हैं, लेकिन श्रीनगर सहित दक्षिण और मध्य कश्मीर के विभिन्न स्थानों पर जलस्त्रोतों में जलस्तर मंगलवार को शुरू हुई बारिश के बाद से तेजी से बढ़ा है।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने कहा कि जल स्तर बढ़ रहा है और लगातार बारिश के कारण इसमें और वृद्धि हो सकती है।
विभाग ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सभी संबंधित अधिकारियों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें और आवश्यक उपाय करें। आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे जल स्रोतों के पास नहीं जाएं और सावधानी बरतें। बाढ़ ड्यूटी पर तैनात सभी अधिकारी तुरंत अपने अधिकारियों को रिपोर्ट करें।’’
पिछले 24 घंटे से हो रही भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन और पत्थर गिरने की वजह से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद करना पड़ा है।
अधिकारियों ने बताया, ‘‘भारी बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) को सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। भारी बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन, पत्थर गिरने और जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई है।’’
जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित जम्मू क्षेत्र में 11 मार्गों को बंद किया गया है, जिससे 2,000 से अधिक वाहन रास्ते में ही फंस गए हैं।
कई संबंधित संगठनों के कर्मचारी और मशीनों की मदद से राजमार्गों और सड़कों को यातायात के योग्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली 250 किलोमीटर लंबी सड़क पर कई जगहों पर भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन, सड़क के हिस्से बह जाने, भूस्खलन और ढलानों से पत्थर गिरने के बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए बंद रहा।
इसके अलावा, भारी बारिश के बीच एहतियात के तौर पर और भूस्खलन के मद्देनजर जम्मू-राजौरी-पुंछ राजमार्ग, बटोटे-डोडा-किश्तवाड़ राजमार्ग, सिमथान-अनंतनाग मार्ग और मुगल रोड सहित महत्वपूर्ण राजमार्ग यातायात के लिए बंद हैं।
जम्मू कश्मीर यातायात पुलिस ने कहा, ‘‘जम्मू श्रीनगर राजमार्ग, मुगल रोड, सोनमर्ग-श्रीनगर-गुमरी मार्ग और सिंथन मार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन और पत्थर गिरने के कारण वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हैं।’’
उन्होंने लोगों को सलाह दी कि जब तक मौसम में सुधार नहीं हो जाए और मरम्मत कार्य पूरा नहीं हो जाए, तब तक वे इन मार्गों पर यात्रा न करें।
नगरोटा (जम्मू) से रियासी, चेनानी, पटनीटॉप, डोडा, रामबन, बनिहाल, श्रीनगर और इसके विपरीत दिशा में भी वाहनों की आवाजाही की अनुमति नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि राजमार्ग बंद होने के कारण 2,000 से अधिक वाहन विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि जम्मू-राजौरी-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग कंडी सुरंग के पास चौकी चौरा में मंगलवार रात से बंद है जिसके कारण 300 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि राजौरी और पुंछ को फिर से जोड़ने के लिए राजमार्ग को बहाल करने के प्रयास जारी हैं और साथ ही आवश्यक सेवाओं की आवाजाही को भी सुगम बनाया जा रहा है।
त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा बुधवार को नौवें दिन भी स्थगित है और इसके आधार शिविर में पिछले 24 घंटों के दौरान 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गयी, जो जम्मू क्षेत्र में सबसे अधिक है।
वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा 26 अगस्त को रोक दी गई थी। इससे कुछ घंटे बाद ही अर्धकुंवारी के निकट पुराने मार्ग पर बारिश के कारण बड़ा भूस्खलन हुआ था, जिसमें 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी थी और 20 अन्य घायल हो गए थे।
तीर्थयात्रा स्थगित है, फिर भी मंदिर खुला है और इसके पुजारी रोज प्रार्थना तथ अनुष्ठान कर रहे हैं।
तीर्थयात्रा स्थगित होने के कारण कटरा पहुंच चुके कुछ तीर्थयात्री ‘दर्शनी ड्योढ़ी’ (मंदिर के रास्ते का मुख्य प्रवेश द्वार) पर पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
दर्शनी ड्योढ़ी, मंदिर के प्रथम ‘दर्शन’ की परिचायक है।
लगातार बारिश के कारण नदियों और नालों, विशेषकर बाणगंगा नदी में जलस्तर बढ़ गया है। बाणगंगा जम्मू से गुजरती है।
अधिकारियों ने कहा कि यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय तब लिया जाएगा जब स्थिति में सुधार होगा और पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर तक 12 किलोमीटर लंबे दोहरे मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए अवरोध हटा दिया जाएगा।
भाषा
सुरभि