महाराष्ट्र : भाजपा ने महात्मा गांधी का हवाला देते हुए जरांगे से आंदोलन रोकने की अपील की
सुरभि मनीषा
- 02 Sep 2025, 02:25 PM
- Updated: 02:25 PM
मुंबई, दो सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से अपना आंदोलन वापस लेने की अपील की। पार्टी ने महात्मा गांधी का उदाहरण दिया जिसमें उन्होंने जरूरत पड़ने पर आंदोलन रोकने की बात कही थी।
पार्टी ने जरांगे से आंदोलन वापस लेने की अपील करते हुए आंदोलन के संभावित राजनीतिक दुरुपयोग के प्रति आगाह भी किया।
भाजपा की ओर से यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब जरांगे ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वह मुंबई नहीं छोड़ेंगे। मराठा आरक्षण को लेकर जरांगे के आंदोलन का आज पांचवां दिन है।
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘हर आंदोलन को सफल होने के लिए कुछ बदलावों की जरूरत होती है। कभी-कभी, इसे कुछ समय के लिए रोकना पड़ता है। यहां तक कि महात्मा गांधी ने भी कई बार अपने आंदोलन रोक दिए थे। आपने मराठा समुदाय के दर्द को समाज के सामने लाया है और समुदाय को पहले ही 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा चुका है। अब इसे रोकने का समय आ गया है।’’
उन्होंने जरांगे से कहा कि वह अपने आंदोलन को राजनीति करने वालों के हाथों में नहीं जाने दें।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस ओबीसी आरक्षण के तहत मराठा आरक्षण पर अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं कर रही हैं। मुद्दे को सुलझाने के बजाय ये दल दो समुदायों को लड़वाते रहना चाहते हैं ताकि महा विकास आघाडी (एमवीए) की तीनों पार्टियां राजनीति कर सकें।’’
इस पृष्ठभूमि में और पिछले कुछ दिनों में मुंबई में हुई अशांति का जिक्र करते हुए उपाध्ये ने याद दिलाया कि मराठा समुदाय ने पहले भी लाखों लोगों के साथ सफल मौन मार्च निकाले थे।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चार-पांच दिनों की घटनाओं ने संदेह पैदा किया है। जिन लोगों ने अशांति फैलाई, उन्हें बाहरी बताकर खारिज किया जा सकता है, लेकिन वास्तविकता नहीं बदलती।’’
भाजपा नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति सरकार ने जरांगे की अधिकतर मांगें पूरी कर दी हैं। उन्होंने अपनी पार्टी का रुख दोहराया कि मराठा समुदाय को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना आरक्षण मिलना चाहिए।
महाराष्ट्र विधानसभा ने फरवरी 2024 में एक विधेयक पारित किया, जिसमें सर्वसम्मति से मराठा समुदाय को एक अलग श्रेणी के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। हालांकि, जरांगे ने इस उपाय को अस्वीकार कर दिया और इस बात पर जोर दिया कि समुदाय को ‘कुनबी’ (अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में शामिल एक कृषक जाति) के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए ताकि वे ओबीसी श्रेणी के तहत उपलब्ध आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकें।
भाषा सुरभि