'नैतिक भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह' बन गए हैं नीतीश: तेजस्वी
हक सुमित वैभव
- 01 Sep 2025, 02:10 PM
- Updated: 02:10 PM
पटना, एक सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में एक इंजीनियर के यहां नकदी की बरामदगी के मामले का उल्लेख करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार "नैतिक भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह" बन गए हैं।
यादव ने पटना के डाक बंगले चौराहे पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह अपने पिता लालू प्रसाद की तरह ही भाजपा के सामने नहीं झुकेंगे।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा, "यह बिहार की धरती है, यह लोकतंत्र की जननी है। दो भाजपाई, निर्वाचन आयोग के साथ मिलकर लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं।"
उनका कहना था कि जनता को तय करना है कि उन्हें लोकतंत्र चाहिए या राजतंत्र।
राजद नेता ने कहा, "बिहार की जनता उड़ती चिड़िया को हल्दी लगाना जानती है और वह भाजपा की ठगी में भी आने वाली नहीं है।"
उन्होंने कहा कि बिहार की सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है और एक इंजीनियर के घर से करोड़ों रुपये मिलते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि नीतिश कुमार "नैतिक भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह" बन गए हैं।
यादव ने दावा किया कि जिस मंत्री के विभाग का घोटाला पकड़ा गया है, उसके यहां मुख्यमंत्री रोजाना जाते हैं।
राजद नेता ने कहा कि बिहार के लोग "ओरिजिनल" मुख्यमंत्री चाहते हैं, "डुप्लीकेट" नहीं।
भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने दावा किया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जैसे कदमों से लोकतांत्रिक प्रणाली को खत्म करने का प्रयास हो रहा है।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, "जब पहले "चौकीदार चोर है" का नारा दिया गया था तो संघ परिवार के लोगों ने अपने नाम से पहले चौकीदार लगा लिया था। लेकिन इस बार वो अपने नाम से पहले "वोट चोर" नहीं लगा रहे।"
उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन और जनता की ताकत से भारतीय जनता पार्टी तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डरे हुए हैं।
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेता मुकेश सहनी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी सत्ता में बने रहने के लिए वोट चोरी करने के साथ विपक्षी दलों दलों के विधायकों और सांसदों को तोड़ती है।
उन्होंने जनता का आह्वान किया कि वे बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाएं।
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और 'इंडिया’ गठबंधन के कई अन्य नेताओं ने गांधी मैदान से डाक बंगला चौराहे तक एक खुले वाहन में सवार होकर मार्च निकाला।
'वोटर अधिकार यात्रा' 25 जिलों में 110 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी और इसमें 1300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की गई।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस यात्रा में शामिल हुए।
सासाराम से 17 अगस्त को निकाली गई इस यात्रा को बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के व्यापक चुनाव अभियान के तौर पर देखा जा रहा है। इस साल के अंत में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
यह यात्रा रोहतास, औरंगाबाद, गयाजी, नवादा, शेखपुरा, नालंदा, लखीसराय, मुंगेर, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर और कुछ अन्य क्षेत्रों से गुजरी।
भाषा हक सुमित