भारत-अमेरिका व्यापार समझौता एक बड़ी उपलब्धि होगी: अरविंद पनगढ़िया
पाण्डेय
- 26 Jul 2025, 01:23 PM
- Updated: 01:23 PM
(योषिता सिंह)
न्यूयॉर्क, 26 जुलाई (भाषा) भारत-अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौता एक बड़ी उपलब्धि होगी और यह भारत को निवेशकों के लिए एक आकर्षक जगह बनाएगा। यह उम्मीद 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने जताई।
इस सप्ताह न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास में आयोजित एक संवाद के दौरान पनगढ़िया ने कहा, ''वर्तमान में चल रही कई गतिविधियां बहुत रोमांचक हैं।'' उन्होंने कहा कि इस समझौते के चलते देश में व्यापक उदारीकरण होगा।
प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा, ''विशेष रूप से, मैं अमेरिका-भारत व्यापार समझौते का उल्लेख करना चाहता हूं, जिस पर बातचीत चल रही है। साथ ही, भारत-यूरोपीय संघ का समझौता भी है।''
उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता एक बड़ी उपलब्धि होगी।
उन्होंने कहा कि एक बार भारत-अमेरिका व्यापार समझौता हो जाए, तो यूरोपीय संघ के साथ भी समझौता हो जाएगा।
पनगढ़िया ने कहा, ''इन दो व्यापार समझौतों के साथ भारत का यूरोपीय संघ और अमेरिका के साथ एक खुला बाजार होगा। ये दो सबसे बड़े बाजार हैं। किसी भी भावी निवेशक के लिए, यह भारत को एक बहुत ही आकर्षक स्थान बनाता है। यह एक बड़ा बदलाव लाने वाला कदम होगा।''
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते और शुल्कों पर पीटीआई-भाषा के सवाल के जवाब में पनगढ़िया ने कहा, ''जहां तक भारत का संबंध है, मुझे लगता है कि इससे संभावित रूप से बहुत कुछ अच्छा निकल सकता है, क्योंकि जब अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएंगे, तो भारत अपने शुल्क भी कम कर देगा।''
उन्होंने कहा, ''यह भारत के लिए एक शानदार अवसर है, और वह अमेरिका के साथ समझौते पर बहुत गंभीरता से बातचीत कर रहा है। इसलिए मुझे अच्छी खबर सुनने की उम्मीद है।''
उन्होंने कहा, ''सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे भारत में काफी उदारीकरण होगा, और मुझे लगता है कि यही इस कहानी का एक बड़ा हिस्सा है। हालांकि, अपने अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अमेरिकी बाजार तक बेहतर पहुंच मिलना भी एक बड़ा फायदा है।''
कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रख्यात प्रोफेसर और नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष पनगढ़िया ने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक और वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट तक, सभी ने उम्मीद जताई है कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता लगभग तय है।
भाषा