उप्र पुलिस ने 'फर्जी दूतावास' मामले में सरगना हर्षवर्धन जैन को हिरासत में भेजे जाने का किया अनुरोध
किशोर आनन्द शोभना
- 25 Jul 2025, 11:42 PM
- Updated: 11:42 PM
गाजियाबाद/लखनऊ, 25 जुलाई (भाषा) गाजियाबाद पुलिस ने फर्जी 'दूतावासों' के कथित मास्टरमाइंड हर्षवर्धन जैन को हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध करने वाली एक अर्जी दाखिल की है। जैन को इस सप्ताह की शुरुआत में धोखाधड़ी और अन्य अपराधों के लिए गिरफ्तार किया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जैन की पुलिस हिरासत के लिए आवेदन दायर कर दिया गया है और सोमवार को अदालत में इस पर सुनवाई होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि "नियमित जांच के अलावा पुलिस जैन के संपर्क नेटवर्क की भी जांच कर रही है। उन्होंने कहा, "प्रारंभिक जाँच के दौरान अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खशोगी के साथ उसके संबंध और तस्वीरें सामने आई हैं।"
अधिकारी ने कहा, "अधिकारियों को संदेह है कि इसमें प्रति-खुफिया पहलू भी शामिल हो सकता है और कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद किए गए हैं।"
जैन के इस बड़े रैकेट का भंडाफोड़ उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने किया था और अब इस मामले की जाँच गाजियाबाद पुलिस कर रही है। एसटीएफ मामले को आगे बढ़ाने में स्थानीय पुलिस की मदद कर रही है।
इस बीच, पुलिस ने शुक्रवार को "वेस्टार्कटिका" द्वारा जारी एक कथित "आधिकारिक बयान" पर भी ध्यान दिया, जिसमें इस माइक्रोनेशन (एक स्व-घोषित संस्था, लेकिन आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त नहीं) ने जैन से दूरी बना ली थी। वेस्टआर्कटिका के बयान में कहा गया है, "जैन एक अधिकृत प्रतिनिधि थे जो अनधिकृत गतिविधियों में शामिल थे।"
बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 2016 में दान देने के बाद जैन को "भारत में मानद वाणिज्य दूत" की मानद उपाधि तो मिली थी, लेकिन उन्हें कभी भी राजदूत का दर्जा नहीं दिया गया।
खुद को 'वेस्ट आर्कटिका', 'सबोर्गा', 'लोडोनिया' और 'पोल्विया' 'देशों' का राजनयिक बताने वाले एक ठग को उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था।
पुलिस के मुताबिक हर्षवर्द्धन जैन नामक यह फर्जी राजनयिक खुद को इन देशों का 'राजदूत' बताते हुए दिल्ली में एक किराये के भवन में 'वाणिज्य दूतावास' संचालित कर रहा था। उस भवन में इन गैर मान्यता प्राप्त कथित देशों के झंडे लगे थे जिन्हें असली वाणिज्य दूतावास का आभास देने के लिए परिसर में नियमित रूप से फहराया जाता था। इसके अलावा उसके पास नीले रंग की नम्बर प्लेट वाली कई लग्जरी गाड़ियां थीं।
हालांकि जैन खुद को जिन देशों का राजदूत बताता था उनके बारे में एक इंटरनेट खोज से पता चलता है कि 'वेस्ट आर्कटिका' जलवायु संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली एक गैर-सरकारी संस्था है और अंटार्कटिका में एक गैर-मान्यता प्राप्त लघु देश है। वहीं, लोडोनिया दक्षिणी स्वीडन में एक छोटा सा 'देश' (आधिकारिक तौर पर राष्ट्र के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं) है। सबोर्गा और पोल्विया के बारे में भी इंटरनेट पर बहुत कम जानकारी मिली है।
अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने बुधवार को बताया कि जैन एक किराए के भवन से फर्जी दूतावास चला रहा था और खुद को 'वेस्ट आर्कटिका' जैसे छोटे देश और 'सबोर्गा', 'पोल्विया' और 'लोडोनिया' जैसे अस्तित्वहीन देशों का वाणिज्यदूत या राजदूत बताता था। वह रौब जमाने के लिये नकली राजनयिक नंबर प्लेट वाली गाड़ियों में घूमता था।
भाषा किशोर आनन्द