अदालत ने लालू, उनके परिजनों के खिलाफ आरोप तय करने पर फैसला सात अगस्त तक टाला
पारुल पवनेश
- 23 Jul 2025, 09:43 PM
- Updated: 09:43 PM
नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम लिमिटेड (आईआरसीटीसी) में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने पर फैसला बुधवार को सात अगस्त तक के लिए टाल दिया।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा, “कुछ स्पष्टीकरण की जरूरत है। इस उद्देश्य के लिए सुनवाई सात अगस्त को निर्धारित करें।”
अदालत ने 29 मई को आरोपों पर बहस पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
लालू, राबड़ी और तेजस्वी ने इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से उन पर लगाए गए आरोपों को खारिज किया है।
इन आरोपों में आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी शामिल है, जिनके लिए अधिकतम सात साल की जेल की सजा का प्रावधान है।
लालू और उनके परिजनों के वकील ने दलील दी है कि सीबीआई के पास उन पर मुकदमा चलाने के लिए सबूतों का अभाव है।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-एक सरकार के दौरान रेल मंत्री रहे लालू ने पहले सीबीआई को उन पर मुकदमा चलाने के लिए प्राप्त मंजूरी की वैधता पर सवाल उठाया था।
हालांकि, जांच एजेंसी ने 28 फरवरी को अदालत से कहा कि आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
यह मामला आईआरसीटीसी के दो होटल के संचालन के ठेके एक निजी कंपनी को दिए जाने में हुई कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।
सीबीआई के आरोपपत्र के मुताबिक, 2004 और 2014 के बीच एक साजिश रची गई, जिसके तहत भारतीय रेलवे के पुरी (ओडिशा) और रांची (झारखंड) स्थित बीएनआर (बंगाल नागपुर रेलवे) होटलों को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया।
आरोपपत्र के अनुसार, बाद में इन होटलों को संचालन और रखरखाव के लिए पटना स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया।
सीबीआई का आरोप है कि निविदा प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई और निजी पक्ष सुजाता होटल्स की मदद के लिए शर्तों में बदलाव किया गया।
आरोपपत्र में आईआरसीटीसी के पूर्व समूह महाप्रबंधक वीके अस्थाना और आरके गोयल तथा सुजाता होटल्स के निदेशक एवं चाणक्य होटल के मालिक विजय कोचर और विनय कोचर को भी नामजद किया गया है।
डिलाइट मार्केटिंग कंपनी, जिसे अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जाना जाता है और सुजाता होटल्स को भी आरोपपत्र में आरोपी बनाया गया है।
भाषा पारुल