न्यूजक्लिक मामला : दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रबीर पुरकायस्थ को अग्रिम जमानत दी
धीरज प्रशांत
- 23 Jul 2025, 08:35 PM
- Updated: 08:35 PM
नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को दो मामलों में बुधवार को अग्रिम जमानत दे दी। इन दो मामलों में दिल्ली पुलिस द्वारा विदेशी वित्तपोषण को लेकर दर्ज मामला भी शामिल है।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने पुरकायस्थ को विदेशी वित्तपोषण के मुकदमे के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धनशोधन के मामले में भी राहत प्रदान की।
अदालत ने पुरकायस्थ द्वारा 2021 में दायर की गई याचिकाओं पर यह आदेश सुनाया।
इससे पहले पुरकायस्थ को गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने 24 मई, 2024 को कानून की नजर में पुरकायस्थ की गिरफ्तारी को अमान्य घोषित कर दिया और उन्हें रिहा करने का आदेश दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि गिरफ्तारी के लिखित आधार की एक प्रति गिरफ्तार व्यक्ति को ‘‘स्वाभाविक रूप से और बिना किसी अपवाद के यथाशीघ्र’’ उपलब्ध कराई जानी चाहिए और इस मामले में, रिमांड आदेश पारित करने से पहले पुरकायस्थ या उनके वकील को गिरफ्तारी के लिखित आधार उपलब्ध नहीं कराए गए।
पुरकायस्थ को यूएपीए मामले में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने तीन अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।
उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज मामले में न्यूजक्लिक के निदेशक प्रांजल पांडे को भी अग्रिम जमानत दे दी।
अदालत ने 2021 में इन मामलों में पुरकायस्थ और पांडे को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था।
अदालत में पुरकायस्थ का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, दयान कृष्णन और अधिवक्ता अर्शदीप सिंह खुराना ने रखा।
ईओडब्ल्यू ने आरोप लगाया है कि पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड ने संबंधित कानून का उल्लंघन करते हुए वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी यूएसए से 9.59 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त किया।
ईओडब्ल्यू ने आरोप लगाया गया कि एक डिजिटल समाचार वेबसाइट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की कथित 26 प्रतिशत की सीमा से बचने के लिए याचिकाकर्ता कंपनी के शेयरों का अत्यधिक मूल्यांकन करके निवेश किया गया था।
भाषा धीरज