नेपाल को चीन से जोड़ने वाला पुल बाढ़ में ध्वस्त, 20 लोग लापता
यासिर दिलीप
- 08 Jul 2025, 10:46 PM
- Updated: 10:46 PM
(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, आठ जुलाई (भाषा) नेपाल में मानसून की बारिश की वजह से आई बाढ़ में हिमालयी देश को चीन से जोड़ने वाला मैत्री पुल मंगलवार को ध्वस्त हो गया, जिसके कारण कम से कम 20 लोग लापता हो गए।
चीन में लगातार हो रही मानसूनी बारिश के कारण सोमवार रात नेपाल में भोटेकोशी नदी में बाढ़ आ गई।
काठमांडू से 120 किलोमीटर उत्तर पूर्व में रसुवा जिले में स्थित मितेरी पुल सोमवार देर रात सवा तीन बजे बाढ़ में पानी के तेज बहाव की वजह से ध्वस्त हो गया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छह चीनी नागरिकों सहित 20 लोग लापता हैं।
‘नेशनल डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड मैनेजमेंट अथॉरिटी’ (एनडीआरआरएमए) के अनुसार, नेपाली सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस की संयुक्त टीम ने चार भारतीय नागरिकों तथा चीन के एक नागरिक समेत 55 लोगों को बचाया।
प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने रसुवा जिले के कुछ हिस्सों सहित नेपाल-चीन सीमा के निकट बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
उनके साथ गृह मंत्री रमेश लेखक और वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल भी मौजूद रहे।
ओली ने सोशल मीडिया मंच पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार रसुवा में विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित लोगों को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है।
उन्होंने लेंदे जलधारा और त्रिशूली नदी में आई बाढ़ के कारण जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘सभी संबंधित अधिकारियों को प्रभावी बचाव और राहत अभियान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।’’
प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि उन्होंने आपातकालीन राहत प्रयासों के समन्वय को देखते हुए अपने सभी प्रस्तावित कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है।
रसुवा के मुख्य जिलाधिकारी अर्जुन पौडेल ने बताया कि बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित इलाकों में जाने की सलाह दी है।
बाढ़ में कई घर और चीन से आयात किए गए पांच इलेक्ट्रिक वाहन भी बह गए।
इस बीच, पुलिस ने मंगलवार सुबह धाडिंग जिले के गजुरी ग्रामीण नगर पालिका में त्रिशूली नदी से दो शव बरामद किए। फिलहाल इन शवों की पहचान नहीं हो सकी है।
स्थानीय प्राधिकारियों के अनुसार, नेपाली सेना की राहत बचाव टीम ने एक चीनी नागरिक समेत 23 मजदूरों को भी बचाया है, जो भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ के कारण रसुवागढ़ी जलविद्युत परियोजना में फंसे हुए थे।
अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के कारण जलविद्युत संयंत्र भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है।
इस बीच, मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद्र (आईसीआईएमओडी) ने कहा कि रसुवा जिले में अचानक आई बाढ़ के पीछे अत्यधिक वर्षा वास्तविक कारण नहीं थी।
इसमें कहा गया है, ‘‘रासुवा में बाढ़ की घटना का सटीक कारण निर्धारित करना अभी जल्दबाजी होगी... हालांकि, यह पुष्टि की जा सकती है कि अत्यधिक वर्षा इसका कारण नहीं थी।’’
आईसीआईएमओडी ने कहा, ‘‘हमें विस्तृत विश्लेषण के मकसद से उपग्रह चित्र प्राप्त करने के लिए पहले मानसून के बादल छंटने का इंतजार करना होगा।’’
भाषा यासिर