आप में से कई अंतरिक्ष यात्री बन सकते हैं, चंद्रमा पर जा सकते हैं: शुभांशु शुक्ला ने छात्रों से कहा
आशीष पवनेश
- 08 Jul 2025, 05:35 PM
- Updated: 05:35 PM
नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) शुभांशु शुक्ला ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से रेडियो के माध्यम से बातचीत के दौरान स्कूली छात्रों के एक समूह से कहा "आप में से कई भविष्य के अंतरिक्ष यात्री बन सकते हैं, चंद्रमा पर भी जा सकते हैं।"
कक्षीय प्रयोगशाला में 12 दिन बिता चुके शुक्ला मेघालय और असम के सात स्कूलों के छात्रों के साथ बातचीत कर रहे थे, जो अंतरिक्ष यात्री से बात करने के दुर्लभ अवसर के लिए शिलांग में उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एनईसैक) में एकत्र हुए थे।
विद्यार्थियों ने शुक्ला को 20 प्रश्न भेजे थे, और उन्होंने 10 मिनट के समय में हैम रेडियो के माध्यम से विद्यार्थियों से संपर्क किया तथा आईएसएस पर अपने अनुभव, अंतरिक्ष यात्री के रूप में प्रशिक्षण तथा अंतरिक्ष में स्वस्थ रहने के बारे में अपने विचार साझा किए।
शुक्ला ने कहा, "मैं वापस आऊंगा और आपका मार्गदर्शन करूंगा। आपमें से कई लोग भविष्य के अंतरिक्ष यात्री बनेंगे। जिज्ञासु बने रहें, कड़ी मेहनत करें और खुद पर विश्वास रखें, आप में से कोई चंद्रमा पर भी जा सकता है।"
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन पर जीवन सूर्य के प्रकाश से नहीं, बल्कि ग्रीनविच मीन टाइम (जीएमटी) पर सेट घड़ी से संचालित होता है। शुक्ला ने कहा, "हम सूर्य का अनुसरण नहीं करते। आईएसएस पर हम हर दिन 16 सूर्योदय और सूर्यास्त देखते हैं, क्योंकि हम हर 90 मिनट में पृथ्वी का चक्कर लगाते हैं। हमारी गतिविधियां सूर्य के प्रकाश से नहीं, बल्कि जीएमटी से संचालित होती हैं।"
शुक्ला ने कहा, "सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के कारण मांसपेशियों और हड्डियों को नुकसान पहुंचता है। इसलिए हम हर दिन ट्रेडमिल, साइकिल और शक्ति प्रशिक्षण मशीनों का उपयोग करके व्यायाम करते हैं। मिशन के लिए और पृथ्वी पर वापस लौटने के लिए फिट रहना आवश्यक है।"
उन्होंने कहा, "हमारा अधिकांश प्रशिक्षण असामान्य परिस्थितियों से निपटने के बारे में है। टीमवर्क और मजबूत सहायता प्रणाली महत्वपूर्ण हैं।"
शुक्ला ने कहा, "रोबोटिक्स और एआई हमारे मिशन का अभिन्न अंग हैं। हम कई आंतरिक और बाह्य कार्यों के लिए रोबोटिक भुजाओं का उपयोग करते हैं, जिससे अंतरिक्ष स्टेशन पर हमारा काम अधिक सुरक्षित और सुगम हो जाता है।"
आर्मी पब्लिक स्कूल-शिलांग, अल्फा हायर सेकेंडरी स्कूल-नोंगपोह, आर्य विद्यापीठ हाई स्कूल-गुवाहाटी, द क्राइस्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल-उमियाम, पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय-बारापानी, आर्मी पब्लिक स्कूल-उमरोई और बी के बाजोरिया स्कूल-शिलांग के विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम के लिए नामांकन कराया था।
भाषा आशीष