मराठी-हिंदी विवाद: फडणवीस बोले, रैली के लिए अनुमति दी गई लेकिन मनसे ने विशेष मार्ग पर जोर दिया
सुरभि पवनेश
- 08 Jul 2025, 03:16 PM
- Updated: 03:16 PM
(फोटो के साथ)
मुंबई, आठ जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की रैली के लिए पास के मीरा भयंदर में अनुमति दी गई थी, लेकिन पार्टी ने रैली के लिए एक विशेष रास्ते पर जोर दिया जबकि इससे कानून व्यवस्था के लिए मुश्किल उत्पन्न हो सकती थी।
मनसे नेता संदीप देशपांडे ने हालांकि दावा किया कि सरकार उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है और पुलिस का उनकी रैली को अनुमति देने का कोई इरादा नहीं था।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने मनसे के ठाणे और पालघर प्रमुख अविनाश जाधव और पार्टी के कई अन्य कार्यकर्ताओं को मंगलवार को ठाणे के मीरा भयंदर इलाके में आयोजित रैली से पहले हिरासत में ले लिया। मराठी में बात नहीं करने पर एक ‘फूड स्टॉल’ मालिक को थप्पड़ जड़ने के विरोध में व्यापारियों के प्रदर्शन के जवाब में यह रैली आयोजित की गई थी।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और मोर्चा की अनुमति नहीं देने को लेकर सरकार की आलोचना की।
मीरा भयंदर इलाके में महाराष्ट्र एकीकरण समिति ने रैली का प्रस्ताव रखा था।
राज ठाकरे की अगुवाई वाली मनसे के सदस्य राज्य में वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और बैंकों में मराठी भाषा के उपयोग पर जोर दे रहे हैं।
फडणवीस ने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में पत्रकारों से कहा, ‘‘रैली आयोजित करने का कोई विरोध नहीं है। मुश्किल था जिस मार्ग के लिए अनुमति मांगी गई थी उसके लिए मंजूरी देना। पुलिस ने उनसे मार्ग बदलने का अनुरोध किया, लेकिन आयोजक एक खास मार्ग पर रैली आयोजित करने पर अड़े रहे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे यातायात बाधित हो सकता था या भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी। ऐसी स्थिति में पुलिस समझाने और वैकल्पिक मार्ग देने की कोशिश करती है। हम लोकतंत्र में हैं, हर किसी को रैली करने का अधिकार है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे उचित मार्ग के लिए अनुमति मांगते हैं, तो हम आज और कल भी अनुमति देंगे। एक अन्य संगठन ने पुलिस द्वारा अनुमोदित मार्ग से रैली निकाली, लेकिन ये लोग एक खास मार्ग पर अड़े रहे।’’
घटनाक्रम का जिक्र करते हुए फडणवीस ने कहा कि सोमवार देर रात को जनसभा आयोजित करने के लिए अनुमति मांगी गई थी, जो मिल भी गई।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब रैली की बात आई तो वे एक खास मार्ग पर जोर दे रहे थे। अगर अनुमति दी जाती तो कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती थी। पिछले कई साल से हम सभी रैलियां आयोजित कर रहे हैं और ये हमेशा पुलिस से सलाह-मशविरा करने के बाद ही की जाती हैं।’’
मनसे नेता संदीप देशपांडे ने हालांकि इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
देशपांडे ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि अगर हम रैली के लिए मार्ग बदलें तो वह अनुमति देने के लिए तैयार हैं। यह हमारी आवाज को दबाने की एक रणनीति के अलावा और कुछ नहीं है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘हमने मीरा रोड क्षेत्र में रैली के लिए अनुमति मांगी थी, जहां वास्तव में (पिछले सप्ताह ‘फूड स्टॉल’ क्षेत्र पर हमले की) घटना हुई थी। लेकिन पुलिस ने हमें इसे घोड़बंदर रोड पर स्थानांतरित करने के लिए कहा।’’
देशपांडे ने पूछा कि मीरा रोड में हुई किसी घटना के लिए घोड़बंदर रोड पर कौन प्रदर्शन करेगा?
उन्होंने दावा किया, ‘‘इससे साफ पता चलता है कि पुलिस का पहले से ही हमारी रैली की अनुमति देने का कोई इरादा नहीं था।’’
उन्होंने बताया कि व्यापारियों ने हाल में मीरा रोड इलाके में प्रदर्शन किया, जबकि उन्हें वहां से हटने के लिए नहीं कहा गया था।
देशपांडे ने कहा, ‘‘व्यापारियों की तरह पुलिस हमारे खिलाफ भी मामला दर्ज कर सकती थी लेकिन वे हमें इकट्ठा होने भी नहीं देना चाहते थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस रैली के बारे में किसी को भी गलत सूचना नहीं फैलानी चाहिए। पूरे राज्य से लोग हमारे साथ जुड़ेंगे। हम देखेंगे कि सरकार के पास हम सभी के लिए जेलों में पर्याप्त जगह है या नहीं।’’
इस बीच, ठाणे में मीरा रोड को नए राजनीतिक प्रयोगों के परीक्षण स्थल के रूप में इस्तेमाल किए जाने के दावों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठी लोगों का दिल बहुत बड़ा होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश पर हमलों के दौरान मराठी लोगों ने देश की परवाह की और स्वार्थी नहीं बने रहे। मराठी लोगों की सोच सतही नहीं हो सकती।’’
भाषा सुरभि