असम में अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान मशीनों को बनाया गया निशाना
योगेश अविनाश
- 08 Jul 2025, 03:05 PM
- Updated: 03:05 PM
धुबरी (असम), आठ जुलाई (भाषा) असम के धुबरी जिले में मंगलवार को अतिक्रमण-रोधी अभियान के दौरान कथित अतिक्रमणकारियों ने उत्खनन मशीनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और पुलिसकर्मियों पर हमला करने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिन तीन राजस्व गांवों में अतिक्रमण हटाया जा रहा था, वहां कुल 1,069 परिवार रह रहे थे।
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में वहां का दौरा किए जाने के बाद करीब 95 प्रतिशत परिवार पहले ही वहां से हट गए हैं। प्रभावित लोगों को नियमानुसार चेक दिए जा रहे हैं।"
अधिकारी ने कहा, "हालांकि कुछ लोग सकारात्मक कदमों का विरोध करते हैं और समस्याएं उत्पन्न करने की कोशिश करते हैं, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है।"
उन्होंने कहा कि जब उपद्रवियों ने पुलिस पर हमला करने का प्रयास किया तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, हालांकि इस घटना में कोई पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू होने के बाद से इलाके के कुछ हिस्सों में स्थिति तनावपूर्ण बनी रही।
लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर दो उत्खनन मशीनों पर लाठियों और ईंटों से हमला किया तथा दोनों वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
अधिकारियों ने दावा किया कि स्थिति पर नियंत्रण पाने के बाद अतिक्रमण हटाने का कार्य जारी है।
अतिक्रमण हटाने के अभियान से सबसे अधिक बांग्ला भाषी मुसलमान प्रभावित हुए हैं।
प्रभावित लोगों से मिलने जा रहे शिवसागर विधायक और रायजोर दल के अध्यक्ष अखिल गोगोई को पुलिस ने अतिक्रमण स्थल पर जाने से रोक दिया।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि पुलिस उन्हें उस इलाके से दूर ले गई।
धुबरी जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि धुबरी के तीन राजस्व गांवों में 3,000 बीघा भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए योजना बनाई गई है।
अतिक्रमण-मुक्त कराने के बाद भूमि चापोर राजस्व क्षेत्र में अदाणी समूह द्वारा प्रस्तावित ताप विद्युत परियोजना के लिए असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एपीडीसीएल) को सौंप दी जाएगी।
अधिकारी ने कहा, "हमने एपीडीसीएल को 3,500 बीघा जमीन आवंटित की है। इसमें से लगभग 3,000 बीघा जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है और हम उस जमीन को खाली करा देंगे।"
उन्होंने दावा किया कि अतिक्रमण हटाने का कार्य तीन गांवों में किया जा रहा है और वहां रहने वालों को अतिक्रमित भूमि खाली करने के लिए नोटिस दिए गए हैं।
उन्होंने कहा, "अथनी सर्कल के बैजर अल्गा में हमने अतिक्रमणकारियों के अस्थायी पुनर्वास के लिए 300 बीघा जमीन चिह्नित की है। हमने प्रत्येक को 50,000 रुपये की सहायता राशि भी मंजूर की है और कई लोगों को स्वेच्छा से अपनी जमीन छोड़ने पर पहले ही मुआवजा राशि मिल गई है।"
इन तीन गांवों में कई परिवारों के पास स्थायी पट्टे या भूमि अधिकार हैं और सरकार मानकों के अनुसार उन्हें मुआवजा देकर भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू करेगी।
पिछले महीने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने विद्युत संयंत्र के लिए प्रस्तावित स्थल का दौरा किया था और घोषणा की थी कि वहां 3,400 मेगावाट की ताप विद्युत सुविधा स्थापित की जाएगी और परियोजना के लिए शीघ्र ही निविदा जारी की जाएगी।
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि असम सरकार ने धुबरी और ग्वालपाड़ा जिलों में अतिक्रमणकारियों से करीब 4,000 बीघा (540 हेक्टेयर से अधिक) भूमि खाली कराने की तैयारी कर ली है। उन्होंने बताया कि इस अभियान से करीब 2,500 परिवार प्रभावित होंगे।
भाषा
योगेश