इजराइल और ईरान ने स्वीकार किया संघर्षविराम
एपी शोभना नरेश
- 24 Jun 2025, 01:38 PM
- Updated: 01:38 PM
बीरशेबा (इजराइल), 24 जून (एपी) इजराइल और ईरान ने 12 दिन से जारी युद्ध को समाप्त करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रस्तावित संघर्षविराम योजना को स्वीकार कर लिया है।
दोनों देशों की ओर से इस समझौते को स्वीकार किए जाने के पहले ईरान ने मंगलवार सुबह इजराइल पर मिसाइलों से हमला किया जिसमें कम से कम चार लोग मारे गए, जबकि इजराइल ने भोर से पहले ईरान भर में हवाई हमलों की बौछार कर दी।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप के समन्वय से इजराइल ने ईरान के साथ द्विपक्षीय संघर्षविराम पर सहमति व्यक्त की है।
नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने सोमवार रात को इजराइल की सुरक्षा कैबिनेट को बताया कि इजराइल ने ईरान के खिलाफ 12 दिनों के अभियान में अपने सभी युद्ध लक्ष्य हासिल कर लिए हैं जिसमें ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के खतरे को दूर करना भी शामिल है।
नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल ने ईरान के सैन्य नेतृत्व और कई सरकारी स्थलों को भी नुकसान पहुंचाया और तेहरान के आसमान पर नियंत्रण हासिल कर लिया।
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘ इजराइल संघर्षविराम के किसी भी उल्लंघन का जोरदार जवाब देगा।’’
सुबह चार बजे से कुछ पहले तक ईरानी शहरों में भारी इजराइली हमले जारी रहे, इसके बाद ईरान के हमलों ने इजराइल के लोगों को सूरज उगने के साथ ही सुरक्षित ठिकानों पर जाने के लिए मजबूर कर दिया।
ईरान को हमले रोकने के लिए दी गई समय-सीमा समाप्त होने के एक घंटे बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, ‘‘संघर्ष विराम अब प्रभावी है। कृपया इसका उल्लंघन न करें!।’’
ईरान के सरकारी टेलीविजन पर घोषणा की गई कि स्थानीय समयानुसार सुबह 7:30 बजे समग्र संघर्षविराम शुरू हो गया है। लेकिन ईरानी अधिकारियों ने ट्रंप की घोषणा के संबंध में कुछ नहीं कहा। इससे कुछ घंटे पहले ईरान के शीर्ष राजनयिक ने कहा था कि देश हवाई हमले रोकने के लिए तैयार है।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा था, "फिलहाल किसी भी संघर्षविराम या सैन्य अभियानों की समाप्ति पर कोई समझौता नहीं हुआ है।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘अगर इजराइल ईरान के लोगों के खिलाफ अपने अवैध आक्रमण हमारे समयानुसार सुबह चार बजे से पहले बंद कर दे, तो हमारा उसके बाद अपनी कार्रवाई जारी रखने का कोई इरादा नहीं है।’’
अरागची ने अपने संदेश में कहा था, ‘‘हमारे सैन्य अभियानों को रोकने पर अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा।’’
इजराइल की सेना ने कहा कि संघर्षविराम शुरू होने से पहले ईरान ने इजराइल की ओर 20 मिसाइलें दागीं। पुलिस ने कहा कि हमले में बीरशेबा शहर में कम से कम तीन घनी आवासीय इमारतों को नुकसान पहुंचा है।
ट्रंप ने इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष को नाम दिया है ‘‘12 दिवसीय युद्ध’’ यह 1967 के पश्चिम एशिया युद्ध की याद दिलाता है, जिसे ‘‘छह दिवसीय युद्ध’’ के रूप में भी जाना जाता है।
इसमें इजराइल ने मिस्र, जॉर्डन और सीरिया सहित अरब देशों से लड़ाई लड़ी थी।
ट्रंप का यह संदर्भ अरब जगत खास तौर पर फलस्तीनियों के लिए भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण है। 1967 के युद्ध में इजराइल ने जॉर्डन से वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम, मिस्र से गाजा पट्टी और सिनाई प्रायद्वीप और सीरिया से गोलन हाइट्स कब्जा लिया था । हालांकि बाद में इजराइल ने सिनाई को मिस्र को वापस दे दिया, लेकिन अन्य क्षेत्रों पर उसका अब भी कब्जा है।
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ट्रंप ने संघर्षविराम सुनिश्चित करने के लिए इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ सीधे संवाद किया जबकि उप राष्ट्रपति वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष माध्यमों से ईरानी शासन से संवाद किया।
एपी शोभना