अमेरिका ने पाक सेना प्रमुख को दोपहर के भोजन पर आमंत्रित कर प्रोटोकॉल तोड़ा: पृथ्वीराज चव्हाण
सुभाष माधव
- 20 Jun 2025, 09:36 PM
- Updated: 09:36 PM
मुंबई, 20 जून (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक देश के सेना प्रमुख को दोपहर के भोजन पर आमंत्रित कर 150 साल से अधिक पुराना प्रोटोकॉल तोड़ा है।
उन्होंने नरेन्द्र मोदी सरकार की विदेश नीति को 'कमजोर' करार दिया।
इस सप्ताह की शुरुआत में ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर को दोपहर के भोजन पर आमंत्रित किया था, जो पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष नहीं हैं।
विपक्षी कांग्रेस उस समय से मोदी सरकार पर हमले कर रही है और इस घटनाक्रम को भारतीय कूटनीति के लिए ‘‘बड़ा झटका’’ करार दिया है।
चव्हाण ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘अमेरिका ने एक देश के सेना जनरल को दोपहर के भोजन पर आमंत्रित कर अपने 150 से अधिक वर्षों के प्रोटोकॉल को तोड़ दिया है। अगर राष्ट्राध्यक्षों को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया जाता है, तो यह बात समझ में आती है। अतीत में, हमने अयूब खान और परवेज मुशर्रफ (सेना प्रमुख, जो पाकिस्तान के राष्ट्रपति भी रहे) को आमंत्रित किये जाते देखा है, लेकिन वे राष्ट्राध्यक्ष थे।’’
उन्होंने कहा कि ट्रंप द्वारा मुनीर को दोपहर के भोजन पर आमंत्रित करना यह प्रदर्शित करता है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है और पड़ोसी देश में उनके पास कितनी ताकत है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भाजपा नीत सरकार की ‘‘कमजोर’’ विदेश नीति की आलोचना की।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए कहा कि जब अमेरिका, भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख को आमंत्रित करता है तो यह विदेश नीति की विफलता है।
चव्हाण ने कहा, ‘‘कोई भी अमेरिका की अनदेखी नहीं कर सकता। पाकिस्तान के सेना प्रमुख को निमंत्रण मिलने का मतलब है कि वह अमेरिका के साथ घनिष्ठ संबंध बना रहे हैं। यह भारत के लिए अच्छा नहीं है। अगर भविष्य में भारत और पाकिस्तान के बीच कोई और संघर्ष छिड़ता है तो अमेरिका, पाकिस्तान का समर्थन करेगा और उसे हथियार भी दे सकता है।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सुरक्षित है? जिस तरह से चीजें हो रही हैं, उससे ऐसा नहीं लगता। उन्हें जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किए जाने के लिए गुहार लगानी पड़ी और अब मुनीर को अमेरिका में आमंत्रित किया जा रहा है... यह मोदी सरकार की विदेश नीति की पूरी नाकामी है। ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष पर भी हमारा कोई रुख नहीं है।’’
भाषा सुभाष