कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ के लिए आदिवासियों का इस्तेमाल किया, उनका पूर्ण विकास नहीं होने दिया : मोदी
अविनाश
- 20 Jun 2025, 07:50 PM
- Updated: 07:50 PM
(तस्वीरों के साथ)
भुवनेश्वर, 20 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर आदिवासी समुदायों का पूर्ण विकास नहीं होने दिया तथा राजनीतिक लाभ के लिए उनके क्षेत्रों को ‘‘लाल गलियारा’’ के रूप में पेश करती रही।
ओडिशा की भाजपा सरकार की पहली वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भाजपा ने लोगों की लंबे समय से प्रतीक्षित मांगों को पूरा करते हुए पुरी जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार और इसके ‘रत्न भंडार’ (कोषागार) को फिर से खोल दिया है।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जिस पार्टी ने दशकों तक भारत पर शासन किया, उसने आदिवासी समुदाय की उपेक्षा की और उनका केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया।’’
मोदी ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों के दौरान आदिवासी बहुल क्षेत्रों को ‘‘जानबूझकर पिछड़ा रखा गया।’’
मोदी ने कहा, ‘‘देश में 125 से ज्यादा आदिवासी बहुल जिले वर्षों तक माओवादियों से प्रभावित रहे हैं। इन इलाकों को ‘लाल गलियारा’ का नाम देकर बदनाम किया गया था। इनमें से ज्यादातर जिलों को पिछड़ा घोषित कर दिया गया था और तत्कालीन सरकारों ने इनके विकास की जिम्मेदारी नहीं ली।’’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश में कांग्रेस के शासन के दौरान सुशासन की कमी थी।
मोदी ने मौजूदा ओडिशा सरकार के पहले साल के प्रयासों की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज का दिन बहुत खास है। ओडिशा में पहली भाजपा सरकार ने सफलतापूर्वक एक साल पूरा कर लिया है। यह वर्षगांठ सिर्फ सरकार की नहीं है, यह सुशासन की स्थापना की वर्षगांठ है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार का एक साल पूरा होना ‘‘जन सेवा और जन विश्वास’’ को समर्पित है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ओडिशा में भाजपा सरकार ने पूरी तरह से लोगों की सेवा करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
मोदी ने कहा, ‘‘सरकार ने सुशासन और जन सेवा के साथ एक साल पूरा कर लिया है।’’
उन्होंने दावा किया कि ओडिशा में पिछली सरकारों के दौरान ‘‘भ्रष्टाचार हुआ, बुनियादी ढांचे का विकास नहीं हुआ और कई क्षेत्र पिछड़े रहे।’’
मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार ने राज्य में इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रयास किए हैं।
भाषा शफीक